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अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ नम आंखों से मां को विदाई

गया नवरात्र भर मैया का गुणगान करने के बाद सोमवार को कलश व प्रतिमा विसर्जित की गई। शहर दक्षिणी क्षेत्र में स्थित रुक्मिणी सरोवर में सबसे अधिक कलश का विसर्जन किया गया। दशमी तिथि से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन प्रारंभ हो जाता है।

By Edited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:57 PM (IST)
अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ नम आंखों से मां को विदाई
टनकुप्पा के सरोवर में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जित करते भक्त। जागरण

गया। नवरात्र भर मैया का गुणगान करने के बाद सोमवार को कलश व प्रतिमा विसर्जित की गई। शहर दक्षिणी क्षेत्र में स्थित रुक्मिणी सरोवर में सबसे अधिक कलश का विसर्जन किया गया। दशमी तिथि से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन प्रारंभ हो जाता है। लेकिन कलश का स्थापना मंदिरों एवं घरों में किया गया था। वहीं नवमी तिथि को मंदिरों में घरों में श्रद्धालुओं हवन पूजा किया। साथ ही कन्या पूजा भी किया है।

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हवन को लेकर शहर के मंगलागौरी, बगलमुखी एवं वागेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं को भीड़ देखा गया था। जहां श्रद्धालु वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन कुंड में तिल, घी, देवदार आदि सामग्री से हवन कर रहे थे। साथ ही मां भगवती का पूजा, अर्चना एवं दर्शन कर रहे थे। कोरोना को लेकर बाजार में विशेष चहल नहीं देखा जा रहा था। फिर भी चाट, पकौड़े, चयमिन, समौसा आदि दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी थी। उक्त दुकानों पर सबसे अधिक बच्चों का भीड़ दिखा गया है। चाट, पकौडा एवं आइक्रिम का आनंद उठा रहे थे। खाने-पीने को लेकर सबसे अधिक लोगों की भीड़ टावर चौक, केपी रोड, नई गोदाम, चांदचौरा, बाइपास, आशा ¨सह मोड, स्टेशन सहित स्थानों पर देखा जा रहा था।

हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजयादशमी का पर्व : संवाद सूत्र, बेलागंज : असत्य पर सत्य के विजय का पर्व विजयादशमी बेलागंज व नगर प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास के मनाया गया। मगर कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश के कारण श्रद्धालुओं के बीच उत्साह की कमी देखी गई। बेलागंज के आसपास के क्षेत्रों जैसे पाईबिगहा, मेन, बेल्हाडी, चाकंद, रौना आदि कस्बाई बाजारों में मूर्ति बैठी । मगर रौनक फिका नजर आया। बेलागंज प्रखंड मुख्यालय में मूर्ति स्थापित नहीं होने के कारण लोग रावण वध को लेकर उत्साहित होते थे। मगर इस वर्ष सरकारी निर्देशों के कारण रावण वध का कार्यक्रम रूक जाने के कारण स्थानीय लोगों में उल्लास की कमी देखी गई।


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