जनभागीदारी से हरा-भरा हो रहा कालचक्र मैदान
ऐतिहासिक कालचक्र मैदान निखर रहा है। इसे आकर्षक स्वरूप देने को स्थानीय लोग भी आगे आए हैं। इसी मैदान पर तिब्बतियों के पावन धर्मगुरु दलाई लामा का कार्यक्रम होता है जहां देश-विदेश के हजारों लोग उन्हें सुनने आते हैं।
गया । ऐतिहासिक कालचक्र मैदान निखर रहा है। इसे आकर्षक स्वरूप देने को स्थानीय लोग भी आगे आए हैं। इसी मैदान पर तिब्बतियों के पावन धर्मगुरु दलाई लामा का कार्यक्रम होता है, जहां देश-विदेश के हजारों लोग उन्हें सुनने आते हैं।
इस मैदान को हरा-भरा बनाने की पहल महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के केयरटेकर भंते दीनानंद ने की तो स्थानीय युवा भी साथ हो गए। मैदान के पाथ-वे के किनारे रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं। मोहगनी, अशोक और पाम के भी 120 पौधे लगाए गए हैं। वहीं, चारदीवारी से सटे हिस्से में मिट्टी की भराई कर घास लगाई गई है। यहां फुटबॉल और क्रिकेट टूर्नामेंट भी खेला जाता है, इसलिए मैदान को समतल बनाने के लिए जगह-जगह पर मिट्टी की भराई की जा रही है।
भते दीनानंद कहते हैं, इसी मैदान पर तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाईलामा द्वारा वृहद धार्मिक कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। इसलिए इसे हरा-भरा करने की इच्छा हुई। इसके लिए स्थानीय युवकों से विमर्श कर योजना पर कार्य शुरू किया गया है। प्रकाश व्यवस्था के लिए दो हाईमास्क लाइट लगाई गई है। मैदान की देखरेख के लिए मंदिर समिति द्वारा चार सुरक्षाकर्मियों के अलावा एक सफाईकर्मी और माली की तैनाती पहले से ही है। इसकी नियमित साफ-सफाई की जा रही है। मैदान में बैठने के लिए चारदीवारी से सटे सीमेंट की बेंच बनाने की योजना है। क्षतिग्रस्त पाथ-वे की भी मरम्मत कराई जाएगी।