यूरिया की किल्लत से कैमूर के किसान परेशान, खाद नहीं मिलने से गेहूं की फसल को हो रहा नुकसान
कैमूर के किसान लगातार यूरिया की किल्लत से परेशान हैं। किसानों की माने तो बारिश होने के बाद खेतों में गेहूं की फसल को यूरिया की जरूरत है। लेकिन किसानों को ये खाद नहीं मिल पाई है जिससे फसल के खराब होने का डर बना हुआ है।
संवाद सूत्र, चैनपुर(कैमूर)। प्रखंड क्षेत्र के किसान इन दिनों काफी परेशान हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बारिश होने के बाद गेहूं की फसल में यूरिया नहीं दी जा सकी। उधर बिस्कोमान केंद्र में ताला लटका हुआ है। इससे किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। खेतों में गेहूं के पौधे पीले पड़ रहे हैं। जबकि किसान प्रखंड क्षेत्र के वैसे सभी फुटकर दुकानदार जिनके द्वारा यूरिया की बिक्री की जाती हैं उन लोगों के यहां भी लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन वहां भी खाद उपलब्ध नहीं है। किसान विजय शंकर पांडेय, होरिला सिंह, विजय कुशवाहा सहित कई किसानों ने बताया कि इन दिनों गेहूं के पौधों में यूरिया देना अति आवश्यक है। यूरिया नहीं डालने के कारण गेहूं के पौधे पीले पड़ रहे हैं।
बीते नौ एवं दस जनवरी की तिथि को बिस्कोमान गोदाम पर तीन हजार बोरी यूरिया पहुंची। 11 जनवरी मंगलवार को वितरण किया जाना था। उस तिथि को अधिकतम 60 से 70 किसानों को यूरिया का वितरण किया गया। जबकि हजारों की संख्या में किसान जुटे हुए थे। इसके दूसरे दिन बिस्कोमान गोदाम प्रबंधक सागर आनंद पांडेय का शव उनके किराए के मकान से बरामद हुआ। जिसके बाद बिस्कोमान गोदाम पर ताला लटक गया। लोगों के द्वारा बताया जा रहा है कि गोदाम प्रबंधक के अंगूठे के निशान से ही पास मशीन संचालित होता था। गोदाम प्रबंधक का शव बरामद होने के बाद खाद वितरण का कार्य भी बंद है।
दूसरी तरफ प्रखंड क्षेत्र के सभी फुटकर दुकानों में भी खाद उपलब्ध नहीं है। किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। कई बार इसकी जानकारी किसानों के माध्यम से वरीय पदाधिकारियों से भी ली जा रही है कि यूरिया का वितरण कब होगा। लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हो रहा है।
चैनपुर प्रखंड के कृषि पदाधिकारी परमात्मा सिंह का कहना है कि बिस्कोमान गोदाम पर सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत सागर आनंद पांडेय की हत्या की जानकारी मिली। उनका शव उनके घर से बरामद हुआ। जिसके बाद बिस्कोमान गोदाम पर खाद वितरण का कार्य बंद है। किसानों को यूरिया की सख्त आवश्यकता है। इसकी जानकारी जिला कृषि पदाधिकारी को दी गई है। जैसे ही कोई आदेश प्राप्त होता है उस आधार पर कार्य होगा।