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अधिक दाम पर यूरिया खरीद रहे कैमूर के किसान, यूपी से हो रही ब्‍लैक मा‍र्केटिंग; खाद की किल्‍लत बरकरार

कुछ दिन पहले यूरिया के खाद के लिए यह स्थिति देखी गई। नतीजा यह हुआ था कि महिलाओं से लेकर छात्राओं को भी खाद पाने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ा था। तब भी मनमाफिक यूरिया खाद किसी भी किसानों को नहीं मिली।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 09:51 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 09:51 AM (IST)
अधिक दाम पर यूरिया खरीद रहे कैमूर के किसान, यूपी से हो रही ब्‍लैक मा‍र्केटिंग; खाद की किल्‍लत बरकरार
अधिक कीमत पर यूरिया खरीदने को मजबूर किसान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (कैमूर)। किसान इस वर्ष खाद की समस्या को लेकर शुरू से ही झेल रहे है। धान की रोपनी के समय डीएपी को लेकर बिस्कोमान भवन पर लंबी लाइनें लग रही थी। कुछ दिन पहले यूरिया के खाद के लिए यह स्थिति देखी गई। नतीजा यह हुआ था कि महिलाओं से लेकर छात्राओं को भी खाद पाने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ा था। तब भी मनमाफिक यूरिया खाद किसी भी किसानों को नहीं मिली। अब धान की फसल में दूसरे डोज के लिए किसानों को यूरिया खाद की दरकार है। लेकिन बाजार से यूरिया खाद ही गायब है।  यूरिया खाद की उपलब्धता इस वर्ष शुरू से ही कम रही है।

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बाजार के खाद विक्रेता हो या सरकारी बिस्कोमान भवन कहीं भी खाद किसानों को प्रचुर मात्रा में एक बार में नहीं उपलब्ध हुई। इधर छह दिन से बाजार से यूरिया खाद गायब है। बिस्कोमान भवन का भी वही हाल है। खाद नहीं मिलने से यूपी से किसान महंगे दाम पर यूरिया खाद लेकर आ रहे हैं।

350 रुपये बोरी यूरिया यूपी के घरोहियां से ला रहे हैं खाद

भटौली के किसान महेंद्र कुशवाहा ने बताया कि तीन दिन से रामगढ़ बाजार में खाद को लेकर दुकान दुकान घूमे खाद नहीं मिली। मजबूरन 350 रुपये बोरी यूरिया यूपी के घरोहियां से लेकर हम आ रहे हैं। वहां के लोगों को आधार कार्ड पर यूरिया प्रयाप्त मात्रा में मिल रही है। बाहर के लोगों को महंगे दाम पर खाद खरीदने की मजबूरी है।

डिमांड के अनुसार नहीं मिल पा रही यूरिया खाद

लोकनाथ सिंह कुशवाहा ने बताया कि यूरिया खाद की डिमांड है। खाद डिमांड के अनुसार नहीं मिल पा रही है। रामगढ़ के पास मशीन के अनुसार एक भी बोरी यूरिया खाद किसी के पास नहीं है। जिसके चलते परेशानी किसानों को उठानी पड़ रही है।

इस संबंध में जिला निदेशक रसायन दुर्गा रंजन जो जिला कृषि पदाधिकारी के प्रभार में हैं। उन्होंने बताया कि मांग के अनुरूप यूरिया खाद का आवंटन कैमूर को नहीं होने से यूरिया खाद की कमी हो गई है। डिमांड छह हजार मीट्रिक टन का भेजा गया है। दो तीन दिन में इफको यूरिया का रैक लगने की संभावना है। रैक आते ही प्रखंड के हिसाब से यूरिया का आवंटन कर दिया जायेगा।


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