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खुद की मेधा से राष्ट्रीय फलक पर चमके कबड्डी के खिलाड़ी, बिना सुविधा के अंतरराष्ट्रीयस्तर पर हुए चयनित

पंख से नहीं हौसलों से उड़ान होती है। मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। यही हौसला जिले के सात कबड्डी के खिलाड़ियों के जीवन में उड़ान भर दी है। सभी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता जितने के लिए मेहनत शुरू कर दिया है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 11:29 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 11:29 AM (IST)
खुद की मेधा से राष्ट्रीय फलक पर चमके कबड्डी के खिलाड़ी, बिना सुविधा के अंतरराष्ट्रीयस्तर पर हुए चयनित
ट्रॉफी के साथ विजयी औरंगाबाद के खिलाड़ी। जागरण।

मनीष कुमार, औरंगाबाद। पंख से नहीं हौसलों से उड़ान होती है। मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। यही हौसला जिले के सात कबड्डी के खिलाड़ियों के जीवन में उड़ान भर दी है। अंडर 14 में सदर प्रखंड के रामाबांध निवासी अवनीश कुमार, रिसियप थाना क्षेत्र के गहोरा गांव निवासी नमन कुमार एवं नक्सल प्रभावित मदनपुर थाना क्षेत्र के रेगनियां गांव निवासी सौरव राज विजेता बने हैं।

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अंडर 17 में फेसर थाना क्षेत्र के महदीपुर गांव निवासी अविनाश कुमार, औरंगाबाद के अनुराग गिरी, आदित्य कुमार, शिवम कुमार एवं देव थाना क्षेत्र के कटैया गांव निवासी विकास कुमार हरियाणा में आयोजित द्वितीय नेशनल फेडरेशन कप (राष्ट्रीय स्तर की) प्रतियोगिता में जीतकर न सिर्फ औरंगाबाद बल्कि बिहार का नाम पूरे देश में रोशन किए हैं। इन खिलाड़ियों की टीम में अरवल के गुलशन कुमार एवं रोहतास के बासुदेव कुमार शामिल हैं। यह प्रतियोगिता हरियाणा के कैथल में 17 से 20 जनवरी 2021 तक आयोजित की गई थी। गांव के इन खिलाड़ियों के द्वारा विजेता बनने के बाद बिहार राज्य कबड्डी संघ फूले नहीं समा रहा है। सभी खिलाड़ी खुद की मेहनत से राष्ट्रीय फलक पर चमके हैं। बिना सुविधा के सभी खिलाड़ी इस कप को जीता है। इस नेशनल कप को जितने के बाद सभी का चयन अब अंतराराष्ट्रीय स्तर की होने वाली कबड्डी प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया है। अतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में ए सभी खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। नेशनल कप जीतने के बाद सभी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता जितने के लिए मेहनत शुरू कर दिया है।

बिना सुविधा के नेशनल कप के विजेता बने खिलाड़ी

जिले में कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। बिना सुविधा के सभी कबड्डी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर चमके हैं। जिले की मिट्टी पर प्रैक्टिस करते हैं और राज्य एवं देश स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होते हैं। अपने बुलंद हौसले से विजेता बनते हैं। जिले में कबड्डी की अव्यवस्था की दीवार को तोड़कर संघर्ष के बदौलत कप और मेडल जीतते हैं। इस प्रतियोगिता के पहले अलीगढ़ में संपन्न हुई पहला फेडरेशन नेशनल कप में अंडर 17 के खिलाड़ी बासुदेव, अविनाश, अवनीश, गुलशन एवं अनुराग वितेता बने थे। अंडर 14 के खिलाड़ी हार गए थे। खिलाड़ियों ने कहा की सपनों का मंजिल पास नहीं होती है, जिंदगी हर पल उदास नहीं होती है, खुद पर हौसला रखना कभी न कभी मंजिल मिल जाती है। अब इन खिलाड़ियों का सपना अतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जितने की है। ओलंपिक में गोल्ड जीतने की है।

कहते हैं प्रशिक्षक

खिलाड़ियों के प्रशिक्षक सह स्पोर्ट्स डेवलपमेंट प्रमोशन एसोसिएशन बिहार के जनरल सेक्रेटरी मनीष कुमार कहते हैं की जिले में कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है न माहौल है। जिला मुख्यालय में मिट्टी पर प्रैक्टिस कराते हैं। मिट्टी पर प्रैक्टिस करने के कारण खिलाड़ी जब राष्ट्रीयस्तर की प्रतियोगिता में भाग लेते हैं तो वहां इन्हें मैट पर खेलना पड़ता है जिससे पॉरफोरमेंस कम हो जाती है। मिट्टी पर खेले की आदत इन खिलाड़ियों को मैट पर खेलने में पिछड़ जाते हैं। जिले में इन खिलाड़ियों के लिए मैट की सुविधा होनी चाहिए। कहा की इन खिलाड़ियों को जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा बेहतर व्यवस्था की जाएग तो भारत का नाम पूरे विश्व में चमका सकते हैं। बताया कि मेरे अलावा अवधेश कुमार बिंद भी प्रशिक्षण देते हैं।


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