जगनबागी गाव का नहीं हो सका विकास, 70 घर में मात्र चार शौचालय
फोटो- 31 32 नाली का निर्माण नहीं होने से घरों के पास जमा रहता है गंदा पानी गाव की सड़क पूरी तरह बदहाल जर्जर है समुदायिकभवन
गया । टनकुप्पा प्रखंड के जगरनाथपुर पंचायत के जगनबागी गाव का समुचित विकास नहीं हुआ है। सड़क नाली से लेकर सामुदायिक भवन तक की स्थिति दयनीय हालत में है। गांव की 500 आबादी के 70 घरों में मात्र चार लोगों ने अपने घर शौचालय बनाकर खुले में शौच नहीं करने के शपथ का पालन कर रहे हैं। शेष घर के लोग आज भी खुले में शौच को जाते हैं। खेती-किसानी और मजदूरी करने वाले अधिकतर लोगों के पास शौचालय बनवाने के लिए पैसे नहीं है। गाव की कच्ची सड़क, गंदगी से भरी कच्ची नाली गाव में आने वाले लोगों को अतिपिछड़ा होने का परिचय देती है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रखंड के सभी गावों को निर्मल गाव बनाकर विभाग को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
गाव के मात्र चार लोगों ने शौचालय बनवाया है। सात निश्चय योजना से मात्र एक गली में ईंट सोलिंग का काम कराया गया है। जिसमें घटिया ईंट का प्रयोग किए जाने के कारण पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की गई। गाव में बीते 20 वर्षों से विकास का काम ठीक से नहीं हुआ है। गाव की गलिया और नली पक्की नहीं होने के कारण गंदगी फैली रहती है। नल जल योजना की शुरूआत नहीं हो सका है। गाव में शिक्षा की लौ कम जलती दिखी। गाव के लोग थोड़ी बहुत पढ़ाई करके मुख्य कृषि कार्य में जुड़ गए हैं। युवा वर्ग मैट्रिक, इंटर की पढ़ाई कर रोजगार की तलाश में महानगर की ओर पलायन कर गए हैं। गरीबी और अशिक्षा के कारण एक युवक की नौकरी रेलने ग्रुप डी में नौकरी लगी है। एक नियोजित शिक्षक में चयन हुआ है। गाव में विद्यालय नहीं है। गाव के जागरूक लोग अपने बच्चों को गाव से तीन किलोमीटर दूर पैदल भेजकर शिक्षा ग्रहण करवा रहे है। एक मात्र आगनबाड़ी केन्द्र है। जो पुराने जर्जर समुदायिक भवन में संचालित हो रहा है। गाव में आये बिजली के तार की वायरिंग ठीक से नहीं हुई है। जगह-जगह तार लटके हुए हैं। गाव में स्वास्थ्य सेवा नहीं रहने के कारण गाव के लोग ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे रहते हैं। आपातकाल स्थिति वाले मरीज को गया या फतेहपुर 60 किलोमीटर की दूरी तय कर ले जाना पड़ता है। करियादपुर गाव में अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है लेकिन सही तरीके से संचालित नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए अच्छी सड़क मार्ग की व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को लंबी दूरी तय करना पड़ता है। जबकि टनकुप्पा की दूरी महज छह किलोमीटर है। बीच में रेलवे लाइन होने से लोगों को आने जाने में भारी परेशानी होती है। गाव के लोगों के पास लगभग 200 एकड़ जमीन है। खेती करने के लिए समुचित सिचाई की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कृषि कार्य भगवान भरोसे होती है। पुराने सभी सिचाई के साधन आहर, पइन मरम्मत के अभाव में जर्जर होकर जमीनदोज हैं। आहर, पइन की सफाई नहीं हो सकी है। नहीं मिल रहा पेंशन योजना का लाभ:
गाव के वृद्ध लोगों को विभागीय लापरवाही के कारण वृद्धा, विधवा सहित अन्य पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। मीना देवी, मंगरी देवी, कैलाश यादव, सोहराय यादव ने बताया कि गांव में लगभग 50 की संख्या में पात्र हैं। सभी ने पंचायत, प्रखंड में आवेदन दिया है लेकिन किसी को अब तक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। गाव में मात्र पाच लोगों को पेंशन मिल रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित हैं ग्रामीण: गाव के गरीबों को विभागीय एवं पंचायत की लापरवाही के कारण प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। गाव में लगभग 150 लोग गरीबी रेखा के दायरे में हैं। इसमें से मात्र तीन लोगों को आवास योजना का लाभ मिल पाया है। ग्रामीण रंजीत कुमार, सतीश कुमार, सिंटू कुमार, संतोश कुमार, बालेश्वर यादव ने बताया कि पंचायत के जनप्रतिनिधियों के व्यवहार के कारण लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बोले ग्रामीण--
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रामचंद्र यादव, पूर्व प्रखंड उप प्रमुख ने बताया कि वर्तमान मुखिया के द्वारा गाव में विकास नहीं कराया जा रहा है। सड़क, नली, स्वास्थ्य, शिक्षा, नल जल योजना से गाव के लोग वंचित हैं। गाव में सड़क, नली की स्थिति ठीक नहीं है।
रामचंद्र यादव फोटो 34
बबलू कमार ने बताया कि गाव में स्कूल नहीं रहने के कारण गाव के लोगों को शिक्षा से दूर हैं। बच्चों को विद्यालय के अभाव में पढ़ा नहीं पा रहे हैं। गाव में शिक्षित लोगों की संख्या काफी कम है। गाव में सरकारी स्तर का स्कूल अत्यंत आवश्यक है।
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स्वास्थ्य केन्द्र नहीं होने के कारण गाव में बीमार पड़ने वाले लोगों को अस्पताल ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गाव की महिलाएं स्वास्थ्य सेवा के अभाव में कुपोषण की शिकार हो रही हैं।
पप्पू कुमार फोटो 35
गाव में पेयजल की बहुत समस्या है। सरकारी स्तर के मात्र चार चापाकल हैं। जिसमें कई खराब हैं। मुखिया और वार्ड सदस्य के द्वारा नाली और गली का कार्य नहीं कराया गया है।
महावीर यादव फोटो 38
दो साल पूर्व पति के देहात होने के कारण पेंशन के लिए मुखिया से लेकर बीडीओ तक दौड़ रही हूं। इसके बावजूद पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। घर के लोगों की परवरिश मेहनत मजदूरी करके कर रही हूं।
मंगरी देवी फोटो-36
हमें भी पेंशन नहीं मिल रही है। शौचालय योजना की राशि के लिए बीडीओ के पास आवेदन दी हूं। इसके बावजूद योजना का लाभ नहीं दिया गया है। पेंशन मिलने जाती तो काफी सुहूलियत होती।
मीना देवी