आसान नहीं गया के इस थाने की थानेदारी, नौ साल में बदले गए आठ SHO, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
बिहार में थानेदारी लेने के लिए दाराेगा-इंस्पेक्टर में मारा-मारी चलती है। कई जिलों में थानों की बोली लगती है। जितना कमाऊ थाना उतना अधिकारियों तक पहुंचता नजराना। लेकिन गया जिले का एक थाना ऐसा भी है जहां की थानेदारी मिलते ही अधिकारी उल्टी गिनती गिनने लगते हैं।
अरविंद कुमार सिंह, फतेहपुर (गया)। फतेहपुर थाना के थानाध्यक्ष का पद पिछले कई सालों से कांटों भरा ताज रहा है। पिछले नौ साल में आठ थाना प्रभारियों को अपने पद से हटना पड़ा। सिर्फ दो की सम्मान से विदाई हुई है। वर्ष 2012 से शुरू हुआ सिलसिला 2021 तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्तमान थानाध्यक्ष संजय कुमार पिछले एक दशक में सबसे कम दिन इस पद पर रहे। मात्र चार माह दो दिन में शराब बरामदगी के मामले में लापरवाही बरतने के कारण उन्हें पद से हाथ धोना पड़ा।
13 सितंबर 2012 को तत्कालीन थानाध्यक्ष 1994 बैच के एसआइ प्रवीण कुमार को थाना क्षेत्र के रसलपुर महुगाइन में लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना में केस दर्ज करने में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया था। वहीं अमरेन्द्र कुमार को रेंज में समय अवधि पूरा होने के कारण सात फरवरी 2014 को पटना रेंज में तबादला कर दिया गया था। वे थानाध्यक्ष के पद पर 17 महीने रहे। 2009 बैच के एसआइ अखिलेश कुमार को 18 अगस्त 2015 को फतेहपुर में बढ़ते आपराधिक घटनाओं के कारण एसएसपी निशांत तिवारी ने लाइन हाजिर कर दिया था। वे 18 माह चार दिन थानाध्यक्ष रहे।
वहीं, लालमणि दुबे को क्षेत्र में एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों की हत्या के उपरांत 31 अक्टूबर 2017 को तत्कालीन एसएसपी गरिमा मल्लिक ने लाइन हाजिर कर दिया था। वे दो साल दो माह 13 दिनों तक फतेहपुर थानाध्यक्ष रहे। उनके बाद थानाध्यक्ष के पद पर तैनात राकेश रंजन को मात्र दस महीने में अपना पद गंवाना पड़ा था। उनपर शराब के साथ पकड़ी गई बाइक को थाना से छोडऩे का आरोप लगा था।
तत्कालीन एसएसपी राजीव मिश्रा ने वजीरगंज कैंप डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह से जांच के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया था। 12 अगस्त 2018 को इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी मनोज कुमार ङ्क्षसह को फतेहपुर थानाध्यक्ष बनाया गया। 11 फरवरी 2019 को उनका तबादला टिकारी थानाध्यक्ष के पद पर हो गया। उन्हें सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। 12 फरवरी 2019 को थानाध्यक्ष के पद पर अबुजर हुसैन अंसारी की नियुक्ति हुई। 22 महीने तक वे तैनात रहे।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान लागू लाकडाउन के दौरान काफी सख्ती से नियम का पालन कराया। एक भूल के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया। नाबालिग के मामले में आरोपित के मामा के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इसकी जांच एएसपी मनीष कुमार ने की। तत्कालीन एसएसपी राजीव मिश्रा ने 31 दिसंबर 2020 को निलंबित कर दिया। दो जून 2021 को एसएसपी आदित्य कुमार ने वर्तमान थानाध्यक्ष संजय कुमार को लाइन हाजिर कर दिया।