यह महज मांगपत्र नहीं, गया की जरूरत है, जनता के जरूरी मुद्दे
- नवनिर्वाचित सांसद को दैनिक जागरण की ओर से सौंपा गया गया की जनता का मांगपत्र - लोकसभा चुनाव के दौरान उठाए गए मसलों पर पहल की सांसद ने जताई प्रतिबद्धता कॉमन इंट्रो मुद्दे वर्षो पुराने हैं और अमल के वादे अब तक के हर चुनाव में होते रहे लेकिन प्रतिबद्धता पहली बार जताई गई। गया के हक-ओ-हुकूक की आवाज बने दैनिक जागरण द्वारा रविवार को हर वोट कुछ कहता है शीर्षक मांगपत्र स्थानीय सांसद विजय कुमार मांझी को सौंपा गया। सांसद ने सरेआम स्वीकार किया कि वे उन सारे मसलों को संसद में उठाएंगे जिनसे गया का वर्तमान और भविष्य जुड़ा हुआ है। इसी के साथ में उन्होंने घोषणा की जो पांच पौधे लगाएगा उसे वे चापाकल मुहैया कराएंगे। पर्यावरण संरक्षण की इस पहल पर तालियों से सभागार गूंज उठा। प्रफुल्लित सांसद ने कहा कि मेरी कोशिश होगी कि गया का विकास वाराणसी की तर्ज पर हो। गौरतलब यह कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। ................
मुकेश कुमार, गया
लोकसभा चुनाव के दौरान 'हर वोट कुछ कहता है' विषयक अभियान के तहत दैनिक जागरण द्वारा गया संसदीय क्षेत्र के कई अहम मुद्दे उठाए गए थे। उनमें कुछ राष्ट्रीय मुद्दे रहे तो कुछ राज्यस्तरीय और कुछ स्थानीय। मांगपत्र में कुल नौ मुद्दे सूचीबद्ध हैं, जिन्हें सांसद विजय कुमार मांझी को सौंपते हुए दैनिक जागरण की गया यूनिट के संपादकीय प्रभारी देवेंद्र राय ने उम्मीद जताई कि अब जनता के हित में पहल होगी। सूचीबद्ध समस्याओं का समाधान होगा और सांसद यश के भागी बनेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। उसकी हर मांग एक मुद्दा है, जिसे सुलझाने के लिए कटिबद्ध होने वाला ही असली जनप्रतिनिधि है।
सांसद और संपादकीय प्रभारी के साथ गया कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा, विधान पार्षद कृष्ण कुमार, पूर्व विधान पार्षद अनुज सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आयोजन गया कॉलेज के मुंशी प्रेमचंद सभागार में हुआ। नगर के कई गण्यमान्य साक्षी रहे। बतौर मुख्य अतिथि सांसद ने कहा कि मुझे गया की जनता ने पहली बार संसद भेजा है। मैं जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में ही मैं कई मसलों को उठा चुका हूं। फल्गु का उद्धार, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, प्रतिभाओं को प्रोत्साहन, घरेलू विमान सेवा और नागरिक सुविधाओं के लिए मैंने पहल शुरू कर दी है। बहुत जल्द परिणाम सामने होगा। जनता मालिक है और उसकी हर मांग जायज। मैं जनता की मान-मर्यादा का ख्याल रखूंगा। गया संसदीय क्षेत्र की जरूरतों को पूरी करूंगा। प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि शिक्षा से ही एक सभ्य समाज की परिकल्पना साकार होगी। नागरिक सभ्य होंगे तो लोकतंत्र जीवंत होगा। इसके लिए जरूरी है कि शैक्षणिक संस्थानों का विकास हो। गया कॉलेज की कई समस्याएं हैं, कई जरूरतें हैं। साधन-संसाधन के लिए कॉलेज उम्मीद बांधे हुए है। विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह ने दैनिक जागरण की इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा कि यह समाचार पत्र हर हमेशा जन-सरोकार से वास्ता रखता है। गंगा के पानी से फल्गु को सरस सलिला बनाने के वादों को स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि इसके सिवाय कोई दूसरा उपाय भी नहीं। पूर्व विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह ने कहा कि गया को पानी से दो तरह की परेशानी है। एक, पेयजल का अभाव और दूसरा, जलजमाव। उम्मीद है कि सांसद महोदय गौर करेंगे। गरिमामयी उपस्थिति: समाजसेवी शिववचन सिंह, शिक्षाविद हरि प्रपन्ना उर्फ पप्पू, आरटीआइ कार्यकर्ता ब्रजनंदन पाठक, मिर्जा गालिब कॉलेज के उप प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार प्रसाद, गया कॉलेज के उप प्राचार्य शशि रंजन रस्तोगी, व्यवसायी पप्पू सिंह, जदयू के जिलाध्यक्ष शौकत अली, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रिका प्रसाद, वरिष्ठ नेता युगल किशोर सिंह, जिला ओलंपिक संघ के महासचिव मोती करीम, बीटीएमसी के सदस्य डॉ. अरविंद कुमार, रंगकर्मी शंभु सुमन, वार्ड पार्षद लाछो देवी, पूर्व वार्ड पार्षद शशि किशोर शिशु और संतोष सिंह और निर्भया शक्ति की सदस्य सत्यवती गुप्ता आदि समारोह के सहभागी बने।
::::::::::::::::::::::::::::::::::: शहर को स्मार्ट बनाने के
लिए फिक्र है फल्गु का
सांसद विजय कुमार मांझी ने कहा कि संसद के लिए मेरा अनुभव एकदम नया है। मैं पहली बार कार्यवाही में भाग लिया। पहले ही सत्र में गया के कई मुद्दों को उठा चुका हूं। मैं गया को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा। यहां के वाशिंदों के लिए फल्गु की दुर्दशा एक बड़ी समस्या है। हम सबके सार्थक प्रयास से ही इसका जीर्णोद्धार हो पाएगा। फल्गु की दोनों ओर अतिक्रमण है। नगर की सभी नालियों का गंदा पानी फल्गु में ही गिर रहा। उसमें कूड़ा-कचरा डाला जा रहा। नदी के पेट में शवों का दाह-संस्कार हो रहा। फल्गु के अस्तित्व के लिए यह चिंतनीय स्थिति है। अभी गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से घरेलू उड़ानो की सुविधा नहीं। अगस्त से इंडिगो की हवाई सेवा कई शहरों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अक्टूबर से दिल्ली के लिए सीधी हवाई सेवा की शुरुआत होगी। विभागीय मंत्री ने इसका आश्वासन दिया है। तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।
बकौल विजय, गया में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। साधन-संसाधन की कमी है। खेल व संस्कृति मंत्रालय के मंत्री से मिलकर मैं राज्य स्तर पर खेल विश्वविद्यालय और जिला व प्रखंड स्तर पर खेल विद्यालय की स्थापना की मांग कर चुका है। मेरी कोशिश होगी कि गया कॉलेज में छात्राओं के लिए जो छात्रावास बने, उसके शिलापट पर मेरा नाम हो। आप समझ गए होंगे कि इसका निर्माण सांसद निधि से होगा। वादे सांसद के
- गया को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हर संभव प्रयास होगा
- पांच पौधे लगाने वाले को सांसद कोटे से मिलेगा चापाकल
- गया हवाईअड्डा से अक्टूबर से दिल्ली के लिए सीधी विमान सेवा
- गया कॉलेज में छात्राओं के छात्रावास के लिए सांसद निधि से मिलेगी राशि
- राज्य में खेल विश्वविद्यालय और जिला व प्रखंड में खेल विद्यालय के लिए पहल
- गया में कलाकरों के लिए प्रेक्षागृह का शीघ्र होगा निर्माण
::::::::::::::::::::::::::::::::: फल्गु के हित में मुख्यमंत्री
की बातें कर रहीं आश्वस्त
भाजपा के विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार बाबू ने कहा कि दैनिक जागरण हमेशा से जनता के मुद्दे उठाता रहा है। चाहे वह मोक्षदायिनी फल्गु का मसला हो या फिर शहर की ज्वलंत समस्याएं। हर समस्या का आकलन अपनी पैनी और पारखी नजर से करते हुए दैनिक जागरण उसे सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता रहा है। फल्गु के बारे में उन्होंने कहा कि वे खुद कई मंचों पर इसका जिक्र कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा से फल्गु को पानी दिए जाने का आश्वासन दिया है। हम आश्वस्त हैं।
................ सुंदर-संपन्न गया के लिए
जरूरी है सामूहिक प्रयास
पूर्व विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह ने भी 'हर वोट कुछ कहता है' की सराहना की। कहा कि गया शहर की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या पेयजल है। इसका शीघ्र समाधान निकाला जाना चाहिए। एक सुंदर और सुविधा संपन्न गया के लिए हम सभी को मिलकर सकारात्मक प्रयास करने की जरूरत है। जन प्रतिनिधियों के साथ जनता भी अगर ठान ले तो बड़ी से बड़ी समस्या का भी निदान निकल सकता है। इस समय सबसे अच्छी बात यह है कि गया के हित में चिंता की जा रही। उसके लिए पहल-प्रयास के वादे हो रहे।
................ गया कॉलेज को दरकार
है नजर-ए-इनायत की
गया कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद सिन्हा ने सांसद से कॉलेज के विकास की अपील की। कहा कि सुदूरवर्ती इलाके से गरीब छात्राएं काफी कष्ट सहकर पढ़ने के लिए आती हैं। अगर उनके लिए एक छात्रावास की व्यवस्था हो जाए तो मेहरबानी होगी। यह कॉलेज गया के इतिहास का एक पन्ना है। शहर और राज्य को इसने कई होनहार दिए हैं। इसके रखरखाव के लिए आंतरिक राजस्व कम पड़ रहे। संसाधनों का विकास भी जरूरी है। ऐसे में पर्याप्त राशि चाहिए।
::::::::::::::::::::::::::::::: सार्थक हस्तक्षेप
समाजसेवी शिववचन सिंह ने इतिहास से वर्तमान तक के कई संस्मरण सुनाते हुए बताया कि समस्याएं तो हमारी वजह से पैदा हो रहीं। नाले का उदाहरण देते हुए बताया कि कुछ दायरे में लोगों ने अतिक्रमण कर लिया तो कुछ अफसरों ने बेच दिया। अब जलजमाव की नौबत है। फल्गु को तो हम लोगों ने मार डाला है। रंगकर्मी शंभु सुमन ने कला-संस्कृति जगत की समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। प्रेक्षागृह, सांस्कृतिक भवन आदि नहीं होने पर अफसोस जताते हुए बताया कि इससे प्रतिभाएं हतोत्साहित होती हैं। गया में आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्र तक नहीं, जबकि यह धर्म और संस्कृति की नगरी है। वार्ड तीन की पार्षद लाछो देवी ने खरखुरा के बढ़ही टोला में अवस्थित तालाब पर अतिक्रमण का जिक्र किया। उसके जीर्णोद्धार को जरूरी बताया। सुझाव दिया कि अतिक्रमण हटाकर वहां बाल उद्यान या सामुदायिक भवन बना दिया जाना उचित होगा। शहर में सार्वजनिक स्थलों की कमी दूर करने की अपील की।
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