उपभोक्ताओं का दर्द समझने के बजाय विभागीय दांव-पेच में उलझा रहे अधिकारी
-तमाम कवायद के बाद भी बिजली बिल में अनगिनत त्रुटिया सुधरवाने के लिए कई दिनों तक लगाने पड़ रहे चक्कर ---------- लचर कार्यशैली -घर व कार्यालय का काम छोड़कर भागदौड़ करना मजबूरी -अचानक आए सवा लाख से ज्यादा के बिल से सूर्यदेव प्रसाद परेशान ----------- -06.15 रुपये प्रति यूनिट शहरी क्षेत्र -2.65 रुपये प्रति यूनिट ग्रामीण क्षेत्र -96 हजार है शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या -58 मीटर रीडर हैं शहरी क्षेत्र में ---------- जागरण संवाददाता गया
गया। कार्यप्रणाली में सुधार लाने की तमाम कवायद के बावजूद बिजली विभाग की स्थिति सुधर नहीं रही है। लचर कार्यशैली के कारण आम लोग परेशान हैं। बिजली बिल में अनगिनत त्रुटिया को सुधरवाने के लिए कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपभोक्ताओं का दर्द समझने के बजाय उन्हें विभागीय दांव-पेच में उलझा कर परेशान कर रहे हैं।
न्यू कॉलनी भलुआही खरखुरा के विद्युत उपभोक्ता सूर्यदेव प्रसाद कहते हैं, जुलाई 19 में मीटर बंद हो गया। उन्होंने इसे चालू कराने का आवेदन दिया। इस बीच हरेक माह औसत बिल आता रहा। दिसंबर में जब कनीय अभियंता मीटर जांच करने पहुंचे तो मीटर चलता हुआ पाया। मीटर की रीडिंग 21 हजार यूनिट यानि सवा लाख रुपये से ज्यादा की देनदारी। अब वे काफी चिंतित हैं। वह कहते हैं कि औसतन हर माह 11 से 12 सौ रुपये का बिल आता था।
यह तो महज उदाहरण है। ऐसे कई लोग हैं, जो विभाग की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं। गलत बिल के कारण उनका जीना मुहाल हो चुका है।
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किसी का मीटर तेज भाग रहा
तो कोई अधिक बिल से परेशान
अतरी प्रखंड के टेउसा बाजार के अवधेश कुमार कहते हैं, उनका इलाका ग्रामीण क्षेत्र में आता है पर लेकिन बिल शहरी दर से मिलता है। पंचायती अखाड़ा गया के मनोज कुमार कहते हैं कि कई बार बढ़कर बिल आता है, जो देना पड़ता है। वह कहते हैं, मीटर तेज भागता है।
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नियमित नहीं मिलता बिल
उपभोक्ताओं की शिकायत है कि बिल नियमित नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है। इसकी शिकायत करते हैं पर कोई सुनवाई नहीं होती। ऐसे में अचानक से बिल आने से ज्यादा राशि भुगतान करने में काफी परेशानी होती है।
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गया शहरी क्षेत्र में
58 मीटर रीडर
गया जिले में बिलिंग का कार्य क्वैश कॉरपोरेशन कंपनी लिमिटेड के अधीन है। इनके 12 सुपरवाइजर अलग-अलग सबडिवीजन से जुड़े उपभोक्ताओं के यहां बिलिंग कराते हैं। गया शहरी क्षेत्र में 58 मीटर रीडर हैं। शहरी उपभोक्ता की संख्या 96 हजार है।
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इस तरह से बचाएं बिजली बिल
-जरूरत के हिसाब से ही बिजली उपकरणों का करें इस्तेमाल
-बेवजह बल्ब, पंखा, टीवी चालू करके नहीं छोड़ें
-घर के अंदर जरूरत के हिसाब से ही बोर्ड में इंडिकेटर लगाएं
-जीरो वाट के बल्ब भी विद्युत खपत करती है। जीरो वाट कुछ नहीं होता।
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बिजली का बिल दो तरह से दिया जाता है। एक ओके मीटर और दूसरा मीटर खराब रहने पर औसत बिलिंग। बिजली मीटर में उठे यूनिट के अनुसार बिल दिया जाता है। गलत बिजली बिल नहीं दिया जाता है।
अभिषेक कुमार, एरिया मैनेजर, बिजली बिलिंग एजेंसी, गया
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