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महंगाई डायन ने किया ये हाल, थाली से दाल गायब, सब्जी पर आई आफत, लोगों ने सरकार से लगाई गुहार

महंगाई की मार से आम आदमी त्रस्‍त हैं। पेट्रोल डीजल गैस सिलेंडर के अलावा किराना सामग्री व सब्जियों के दाम में भी बेतहाशा बढ़ोतरी जारी है। इससे आम आदमी का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। लोगों ने सरकार से महंगाई पर लगाम लगाने कीगुहार लगाई है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 02:58 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 02:58 PM (IST)
महंगाई डायन ने किया ये हाल, थाली से दाल गायब, सब्जी पर आई आफत, लोगों ने सरकार से लगाई गुहार
बढ़ती महंगाई से लोगों की जेब हो रही ढ़ीली, सांकेतिक तस्‍वीर।

भभुआ, संवाद सहयोगी। कोरोना की दूसरी लहर के बाद महंगाई डायन ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। बाजार खुलने के साथ महंगाई अपने चरम पर है। कई चीजों  की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से आम आदमी का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। महंगाई का सीधा बोझ आम आदमी के जेब पर पड़ रहा है। पेट्रोल, डीजल, गैस सिलेंडर के अलावा खाद्य पदार्थों में तेल, सब्जी आदि कई चीजों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। बढ़ी हुई कीमतों के कारण अब चीजों को लोग आधा करने लगे है।

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दैनिक उपयोग करने वाले वस्तुओं  की कीमतों ने अब लोगों को रूलाना शुरू कर दिया है। पेट्रोल की कीमत भी अब 110 रूपये से अधिक हो गयी है। पेट्रोल-डीजल और गैस के बढ़ते दाम घर से कारोबार तक असर डाल रहे हैं। इस साल जनवरी से अक्तूबर के बीच पेट्रोल के दाम 21 फीसदी और डीजल के दाम 25 फीसदी तक बढ़े हैं। रसोई गैस के दाम में भी इस दौरान 27 फीसदी की वृद्धि हुई। रसोई गैस के बढ़ते दाम से खाने- पीने की चीजें महंगी हुईं और रसोई का बजट बिगड़ा तो पेट्रोल-डीजल के कीमतों में उछाल आने से किराये पर असर पड़ा। मालभाड़ा महंगा होने से जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़े। इन सबका असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी की जेब पर पड़ा है।   

 महंगाई दिखा रही प्रत्यक्ष असर

जिले में महंगाई पर असर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष के रूप में दिख रहा है। ब्रेड- बिस्कुट, नमकीन सहित कई खाद्य वस्तुओं के दाम फिलहाल प्रत्यक्ष रूप से नहीं बढ़े हैं, लेकिन इनकी मात्रा और वजन में दस से बीस फीसदी की कमी की गई है। यानी पैकज्ड खाद्य वस्तुएं अप्रत्यक्ष रूप से महंगी हुई हैं।

  समोसा - कचौड़ी के साथ मिठाई भी हुई महंगी

महंगाई का असर नाश्ते की दुकानों पर भी दिखाई दे रहा है। हलवाइयों ने समोसे के दाम पांच रूपये से बढ़ाकर सात रुपये तक कर दिए हैं। बेसन से बनी मिठाई के दाम 40 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़े हैं, तो दूध से निर्मित मिठाई के दाम भी चालीस से साठ रुपये के आसपास प्रति किलोग्राम बढ़े हुए है।  मेवा आधारित मिठाइयों के दाम में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है।

निर्माण सामग्री की कीमतें भी आसमान पर 

भवन निर्माण सामग्री की कीमतें भी सातवें आसमान पर है। बालू का खनन न होने से जिले में बालू 14 हजार रूपये प्रति ट्राली तक की कीमत की दर से बिकी है। जबकि मौजूदा हालात में बालू के दाम में थोड़ी गिरावट आई है। लेकिन अभी भी बालू की कीमत सामान्य के दिनों से अधिक है। ईंट भी जिले में 10 हजार रूपये प्रति हजार की दर से मिल रहा है। इसी प्रकार छड़, सीमेंट व अन्य चीजों की कीमतें भी अधिक बनी हुई है।

सब्जी से दाल तक आफत

बढ़ी हुई महंगाई स गरीबों के मुंह तक दाल नहीं पहुंच पा रही। अरहर की दाल 100 रूपये किलो तक मिलने लगी है। इसके अलावा तिलहन में सरसों का तेल 200 रूपया तथा रिफाइन 170 रूपया के आसपास बिक रहा है। जबकि सब्जी में टमाटर 60 रूपये प्रति किलो, परवल 80 रूपये प्रति किलो, बैगन 50 रूपये किलो की दर से मिल रहे है। अधिक महंगाई के कारण गरीबों  के मुंह तक ना सब्जी पहुंच पा रहा है और न तो प्रोटीन युक्त दाल। महंगाई की मार ने गरीबों  को खाना बदोस करने लगी है।

डीजल पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के बाद किराया महंगा 

जिले में डीजल- पेट्रोल की कीमतें बढऩे के बाद से किराया भी महंगा हो गया है। वर्तमान में कैमूर जिले में पेट्रोल की कीमत 111.15 रूपये तो डीजल की कीमत 102.93 रूपया है। पेट्रोल - डीजल की बढ़ी कीमतों के बाद से अब प्रति किलो किलोमीटर 1.50 रूपया के हिसाब से सामान्य बस वाले किराया वसूलने का परिवहन विभाग ने आदेश जारी किया है। इसके बावजूद जिले में दो से तीन रूपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया वसूला जा रहा है।

घरेलू गैस सिलेंडर भी हुआ एक हजार के पार

खाना बनाने के रूप में उपयोग होने वाला घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में भी काफी उछाल आया है। वर्तमान में जिला में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 1000.50 रूपया हो गया है। गैस की कीमत अधिक होने के बाद उज्जवला योजना के लाभुक गैस सिलेंडर छोडऩे लगे है। एक गैस एजेंसी के संचालक की मानें तो मात्र 20 - 22 फीसद ही उज्जवला योजना के लाभुक गैस सिलेंडर की रिफिङ्क्षलग करा रहे है। सिलेंडर को छोड़कर पुन: लकड़ी व उपला की पद्धति पर आने लगे है।

लोगों ने कहा

सिकठी गांव निवासी राजेश दूबे का कहना है कि कोरोना के बाद से महंगाई बढ़ी है। सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए। खाद्य सामग्री की कीमतों पर विशेष ध्यान देना होगा।

भभुआ नगर वार्ड 11 के संतोष पाल ने बताया कि पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढऩे के बाद से किराया भी अधिक वसूला जा रहा है। इसका असर सीधा जेब पर पड़ रहा है। प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना होगा।

भभुआ नगर वार्ड आठ की रूबी देवी ने कहा कि रसोई गैस व दैनिक उपयोग वाली चीजों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। ताकि रसोईघर का बजट आम लोगों पर भारी न पड़े।  

जिले में सब्जियों की कीमत एक नजर में - किलो में

आलू - 15 रूपये

टमाटर - 60 रूपये

प्याज - 50 रूपये

बैगन - 50 रूपये

परवर - 80-100 रूपये

पालक - 50 रूपये

भींडी - 50 रूपये

बोदी - 60 रूपये

करैला - 60 रूपया

लौकी - 40 रूपया

चुकंदर - 60 रूपया

मूली - 40 रूपया

दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत

अरहर दाल - 100 रूपये किलो

चना दाल - 80 रूपया किलो

गुड़ - 50 रूपया किलो  

चीनी - 50 रूपया किलो  

सरसों तेल - 200 रूपया किलो

रिफाइन तेल - 170 रूपया

ईंधन के कीमतें 

पेट्रोल - 111.15 रूपया प्रति लीटर

डीजल - 102.93 रूपया प्रति लीटर

गैस सिलेंडर की कीमत - 1000.50 रूपया प्रति सिलेंडर (14.2 किलो)

फलों की कीमत

सेव - 80 - 120 रूपये प्रति किलो

आनार - 100 रूपया किलो

नासपाती - 100 रूपया

केला - 50 रूपये दर्जन

कीवी - 35 रूपया डब्बा


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