नवादा में एमएलसी चुनाव को लेकर बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी, वोटरों की संख्या में आई कमी डाल सकती है इलेक्शन पर असर
नवादा में एमएलसी चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। लेकिन इस बार के चुनाव में वोटरों की संख्या में कमी आई है। इस चुनाव में करीब 200 मतदाता कम हो जाएंगे। इसका असर चुनाव पर भी पड़ेगा।
जासं, नवादा । स्थानीय निकाय प्राधिकार कोटे से एमएलसी के होने वाले चुनाव में मतदाताओं की संख्या घट गई है। पूर्व के चुनावों की अपेक्षा मतदाताओं की संख्या कम होने की वजह शहरी क्षेत्रों का विस्तारीकरण बना है। पिछले चुनावों की अपेक्षा इस चुनाव में करीब 200 मतदाता कम हो जाएंगे। इसका असर चुनाव पर भी पड़ेगा। 2015 के चुनाव में 3077 मतदाता थे। इस बार यह संख्या घटकर 2875 रह सकती है।
पंचायत प्रतिनिधियों की संख्या घटी
गत चुनाव में 2527 ग्राम पंचायत सदस्य मतदाता थे। शहरी क्षेत्रों नगर परिषद नवादा, नगर पंचायत हिसुआ व नगर पंचायत वारिसलीगंज के विस्तारीकरण के बाद यह संख्या घटकर 2415 रह गई है। इसमें एक पद चुनाव के वक्त ही रिक्त रह गया था। जबकि दो निर्वाचित सदस्यों का निधन हो चुका है। इसी प्रकार पंचायत समिति सदस्यों की संख्या 254 से घटकर 250 रह गई है। मुखिया भी 187 से घटकर 182 रह गए हैं। इस प्रकार 121 पंचायत प्रतिनिधि इस बार शहरी निकायों के विस्तारीकरण के बाद घट गए। 2 निर्वाचित वार्ड सदस्य की मौत हो गई है। एक पद पर चुनाव के वक्त ही रिक्त रह गया था।
शहरी निकाय है भंग
जिले के शहरी निकायों में नवादा में 33, हिसुआ में 17 व वारिसलीगंज में 20 कुल 70 वार्ड पार्षद हुआ करते थे। शहरी क्षेत्रों का विस्तारीकरण व उत्क्रमण के बाद बोर्ड भंग हो चुका है। ऐसे में इन 70 पार्षद वोटर होंगे इसपर संशय है। चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा गया है।
बढ़ी है राजनीतिक सरगर्मी
एमएलसी चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है। एनडीए व महागठबंधन के बीच ही मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। एनडीए की ओर से सलमान रागीव फिर से प्रत्याशी होंगे, इसपर कोई संशय नहीं है। महागठबंधन से राजद अपना प्रत्याशी देगा। चेहरा कौन होगा यह साफ नहीं है। राजद जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव, पूर्व मंत्री राजबल्लभ प्रसाद के भाई बिनोद यादव व भतीजे जिला पार्षद अशोक यादव के नाम चर्चा में हैं। पिछले चुनाव में रनर रहे भाजपा प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस बार राजद से उम्मीद लगाए बैठे हैं। आने वाले कुछ दिनों में स्थिति साफ होगी। 2003 से लेकर अबतक के तीन चुनावों में सलमान रागीव जीतते रहे हैं।