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गया में विश्‍वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू, देश-विदेश से मोक्ष नगरी पहुंचने लगे पिंडदानी

गया में पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है। इसका उद्घाटन गुरुवार को उपमुख्‍यमंत्री सुशील मोदी ने गुरुवार को किया। इस साल मेला में आठ लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 06:44 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 10:23 PM (IST)
गया में विश्‍वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू, देश-विदेश से मोक्ष नगरी पहुंचने लगे पिंडदानी
गया में विश्‍वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू, देश-विदेश से मोक्ष नगरी पहुंचने लगे पिंडदानी

गया [जेएनएन]। गया में विश्व  प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला (Pitru paksha Mela) शुरू हो चुका है। इसका उद्घाटन गुरुवार की शाम में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा और कृषि मंत्री प्रेम कुमार  ने संयुक्‍त रूप से किया। पितरों के पिंडदान की प्रक्रिया आज से शुरू होकर 28 सितंबर तक चलेगी।
मेला में पिंडदान के लिए आनेवाले लोगों की सुविधाओं के लिए तमाम व्‍यवस्‍थाएं की गई हैं। पितृपक्ष मेला में इस साल आठ लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। उनके स्‍वागत के लिए मोक्ष नगरी गया (Gaya) पूरी तरह तैयार है।

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पितृपक्ष मेला की तैयारी पुख्‍ता
गया के विश्‍व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को लेकर जिला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की मुकममल व्‍यवस्‍था का दावा किया है। साथ ही मेला क्षेत्र को सजाया गया है। मेला के उद्घाटन को लेकर विष्णुपद मंदिर (Vishnupad Temple) के प्रांगण में भव्य पंडाल लगाया गया था।

विष्णुपद मंदिर में हुआ उद्घाटन
विष्णुपद मंदिर परिसर में बने भव्य पंडाल में मंत्रों उच्चारण के साथ पितृपक्ष मेला का शुभारंभ हो गया। इस बीच पितरों को मोक्ष की कामना को लेकर तीर्थयात्रियों का आगमन प्रारंभ हो गया है। देश-विदेश से पिंडदानी कर्मकांड के लिए आने लगे हैं। वे फल्गु (Falgu) के पवित्र जल से पिंडदान एवं तर्पण करेंगे। इसके साथ ही पिंडवेदियों पर कर्मकांड करेंगे।

आठ लाख तीर्थयात्रियों के आने की उम्‍मीद
पिंडदान एवं तर्पण के लिए फल्गु तट पर देवघाट, ब्राह्मणी घाट, पितामहेश्वर व सीताकुंड घाट का खास महत्व है। इन घाटाें पर श्रद्धालुओं कर सुविधा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। इस साल पितृपक्ष मेला में अधिक तीर्थयात्रियों के आने का संभावना है। गत वर्ष सात लाख तीर्थयात्रर आए थे। इस साल आठ लाख तीर्थयात्रियों के आने की संभावना जताई गई है।

ठहरने की क्‍या है व्‍यवस्‍था, जानिए
गया आने वाले तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए प्रशासन ने 26 सरकारी स्कूलों में व्यवस्था की है। मेला क्षेत्र में दर्जनों धर्मशालाएं व होटल भी हैं। पंडा समाज द्वारा बनाए गए निजी भवनों में भी तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने निजी आवासों का भी रजिस्ट्रेशन किया है।

ऐसी रहेगी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था
पितृपक्ष मेला के दौरान प्रशासन ने गया शहर के कई मार्गों की यातायात व्यवस्था में परिवर्तन किया है। मेला क्षेत्र को वन वे किया गया है। शहर में प्रात: तीन बजे से रात्रि 11 बजे तक बड़े वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेला क्षेत्र में छोटे वाहनों के जाने को ही अनुमति दी गई है। हां, इसके अलावा वे वाहन भी प्रवेश कर सकेंगे, जिन्‍हें सदर एसडीओ द्वारा निर्गत पास प्राप्‍त हो।

यहां कर सकते वाहनों की पार्किंग
यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए बड़े एवं छोटे वाहनों की पार्किंग के लिए सिकड़िया मोड़ बस स्टैंड, केन्दुई, पहड़तली, चंदौती बाजार, प्रेतशिला, आइटीआई कैंपस, पॉलीटेक्निक परिसर में व्यवस्था की गई है। छोटे वाहनों के लिए संक्रामक अस्पताल परिसर व पंचयतिया अखाड़ा में पार्किंग की व्‍यवस्‍था है।


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