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सिखाने के बजाय प्राचार्य कक्ष में कार्टन में बंद है प्रयोग सामग्री

ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड.. -गया-पंचानपुर मुख्य मार्ग पर संचालित उच विद्यालय टेपा फतेहपुर में सुविधाओं का घोर अभाव --------- बदहाली -नामाकन के अनुपात में बचों की उपस्थिति काफी कम - शिक्षक बोले-धान कटनी का समय है इसलिए उपस्थिति कम है ------------ -07 किमी दूरी है टिकारी प्रखंड मुख्यालय से विद्यालय की -08 वर्ष उत्क्रमित होने को हैं पर उवि में प्रयोगशाला की व्यवस्था नहीं -40 पुस्तकें उपलब्ध हैं पुस्कालय के नाम पर --------- संवाद सहयोगी टिकारी

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 07:23 PM (IST)
सिखाने के बजाय प्राचार्य कक्ष में 
कार्टन में बंद है प्रयोग सामग्री
सिखाने के बजाय प्राचार्य कक्ष में कार्टन में बंद है प्रयोग सामग्री

गया । केंद्र व राज्य की सरकारें शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पानी की तरह पैसे बहा रही है। मिड-डे मील, पोशाक, छात्रवृत्ति देने से लेकर आवश्यकता अनुरूप शिक्षकों की बहाली और भवन भी बनाए जा रहे हैं। इन सब के बावजूद शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार नहीं दिख रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड अभियान के तहत हमारे प्रतिनिधि ने शुक्रवार को टिकारी प्रखंड मुख्यालय से सात किमी दूर गया-पंचानपुर मुख्य मार्ग पर संचालित उच्च विद्यालय टेपा फतेहपुर की पड़ताल की।

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विद्यालय समय से खुलता और बंद होता है, लेकिन शिक्षक समय से थोड़े आगे-पीछे आते-जाते हैं। ऐसा अधिकाश बच्चों ने बताया। जब कक्षाओं का जायजा लिया तो नामाकन के अनुपात में बच्चों की उपस्थिति काफी कम थी। शिक्षक बताते हैं, ग्रामीण इलाके का विद्यालय है और धान कटनी का समय है। इसी कारण उपस्थिति अन्य दिनों की अपेक्षा कम है।

विद्यालय उत्क्रमित होने के आठ वर्ष बाद भी प्रयोगशाला की व्यवस्था नहीं है।

प्रयोगशाला सामग्री दो-तीन बड़े-बड़े कार्टन में बंद कर प्राचार्य कक्ष में रखे हैं। न तो पुस्तकालय कक्ष है और न ही पुस्तक और पुस्तकालय अध्यक्ष। पुस्कालय के नाम पर मात्र 40 पुस्तकें उपलब्ध हैं। बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त संख्या में बेंच और उपष्कर भी नहीं हैं। शौचालय और पेयजल की व्यवस्था है, लेकिन हाथ धोने के लिए दो वाश बेसिन में पाइप नहीं लगे होने के कारण वे अनुपयोगी हैं।

विद्यालय के कुछ शिक्षक टहल रहे थे तो कुछ आपस में बातचीत में मशगूल थे। इसका कारण यह था कि दक्षिण विहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के छात्र सभी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ा रहे थे। विद्यालय कैंपस में मौजूद सीयूएसबी में शिक्षा विभाग की अध्यापिका और उन्नत भारत अभियान के समन्वयक डॉ. रिंकी बताती हैं, विवि के शिक्षा विभाग और उन्नत भारत अभियान के संयुक्त तत्वाधान में उपचारात्मक शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत इस विद्यालय के बच्चों को विवि के छात्र द्वारा सभी विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। अतिथि शिक्षकों की पढ़ाई से बच्चे काफी खुश और संतुष्ट हैं।

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हिंदी और सामाजिक

विज्ञान के शिक्षक नहीं

विद्यालय में हिंदी और सामाजिक विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। यहां पदस्थापित दो शिक्षक वर्ष 2015 से बिना सूचना के अनुपस्थित हैं। स्मार्ट क्लास का नियमित उपयोग होता है। जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं उसकी क्षतिपूर्ति बच्चों को स्मार्ट क्लास से ही कराई जा रही है। स्मार्ट क्लास तैयार कराने में प्रभारी प्राचार्य प्रतिभा प्रिया लगभग 39 हजार रुपये अपने निजी कोष से खर्च कर चुकी हैं। अभी तक उक्त राशि का भुगतान विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा उन्हें नहीं किया गया है। स्मार्ट क्लास के नोडल शिक्षक आत्मा विश्वकर्मा बताते हैं, बच्चों को नियमित स्मार्ट क्लास कराया जाता है।

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प्रयोगशाला में गए

बिना ही देंगे परीक्षा

विद्यालय में दसवीं कक्षा के 230 छात्र बिना प्रयोगशाला और प्रायोगिक सामग्री देखे मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा का फॉर्म भरने के बाद विद्यालय से अलविदा हो गए। अब मैट्रिक की सैद्धांतिक परीक्षा के साथ प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होंगे। प्रयोगशाला में गए बिना कैसे परीक्षा में शामिल होंगे और उत्तीर्ण घोषित कर दिए जाएंगे, यह बड़ा सवाल है।

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असुरक्षित है खेल मैदान

लगभग दो एकड़ भूमि में फैले खेल मैदान की चारदीवारी नहीं होने से विद्यार्थी असुरक्षित महसूस करते हैं। यहां खेल गतिविधियां नहीं होती हैं। खेल सामग्री भी न के बराबर ही है। मध्य विद्यालय के पुराने दो भवन जर्जर हैं। इसके एक कमरे में टूटे उपष्कर रखे हैं। खिड़कियों में लगे शीशे भी टूट गए हैं।

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विद्यार्थियों के अनुपात

में अधिक शिक्षक

मध्य विद्यालय में छात्रों की संख्या के अनुपात में अधिक शिक्षक हैं। प्रखंड के कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां शिक्षकों का घोर अभाव है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रवीण कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने मीटिंग में होने का हवाला देते हुए बाद में बात करने की बात कही।

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स्थापना : वर्ष 1950

उत्क्रमित : वर्ष 2011

कुल शिक्षक : 14

कुल विद्यार्थी : 629

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प्रस्तुति : आलोक रंजन

मोबाइल नंबर : 9334326777

ईमेल :


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