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Tur Dal Farming TIPS: ऐसे करें अरहर की खेती तो पठार पर भी बंपर होगी उपज, कृषि वैज्ञानिकों ने विभिन्‍न प्रभेदों की दी जानकारी

Tur Dal Farming TIPS कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि पठार में ढेर सारी भूमि परती रह जाती है। जिसमें विभिन्न तरह के घास उगे नजर आते हैं। अगर किसान उक्त भूमि की जोताई कर अरहर लगा दें तो उपज बंपर होगी। उन्‍होंने रहर के विभिन्‍न प्रभेदों की जानकारी दी।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 10:39 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 01:58 PM (IST)
Tur Dal Farming TIPS: ऐसे करें अरहर की खेती तो पठार पर भी बंपर होगी उपज, कृषि वैज्ञानिकों ने विभिन्‍न प्रभेदों की दी जानकारी
रहर के ये प्रभेद लगाए तो होगा फायदा, सांकेतिक तस्‍वीर ।

मानपुर (गया), जागरण संवाददाता। गया जिले की पैदावार भूमि में विभिन्न तरह के फसल उपजाए जाते। लेकिन पठारी इलाका के ढेर सारी  भूमि परती रह जाती। जिसमें विभिन्न तरह के घास उगे नजर आते हैं। अगर किसान उक्त भूमि की जोताई कर अरहर लगा दें तो उपज बंपर होगी। जिससे उन्हें पौष्टिक आहार के रुप में दाल पर्याप्त मात्रा में मिलना शुरू हो जाएगा।

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अरहर के इन प्रभेद को लगाएं

1 बहार - अरहर का यह प्रभेद मैदानी इलाका के लिए काफी उपयुक्त है। खेत को तीन-चार वार अच्छी तरह जोताई कर खर पतवार को चुन दें। फिर उसमें बुआई करें। 15 जून से 10 जुलाई तक बुआई करने का समय है। यह फसल 265 से 275 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी।

2 बिरसा अरहर - इसकी उपज पठारी इलाका की भूमि में काफी बेहतर होगा। इसे लगाने का समय 15 जून से 15 जुलाई तक है। यह फसल 200 से 220 दिन में तैयार हो जाएगा। 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी।

3 बी डी एन -  अरहर का यह प्रभेद मैदानी एवं पठारी इलाका के लिए काफी उपयुक्त है। अगर ढंग से इसकी खेती करें तो उपज काफी बेहतर होगी। इसकी बुआई करने का समय 1से 31 जुलाई तक है। यह 150 से 160 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 15 से 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी।

4 आई सी पी एल 332 - यह प्रभेद मैदानी एवं पठारी क्षेत्र के लिए काफी उपयुक्त है। जो फलिछेदक कीटों से अवरोधी है। 1 से 31 जुलाई तक बुआई करने का समय है। यह फसल 170 से 175 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।

वैज्ञानिकों के सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डां .अशोक कुमार एवं डां.देवेंद्र मंडल का कहना है कि अरहर की खेती से कम लागत में अधिक फायदा की जा सकती है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा बतलाई गई बातों को अमल करना होगा। हाल उठा हुआ भूमि में बेड बनाकर बुआई करने से 25 प्रतिशत उपज में वृद्धि होगी। एक हेक्टेयर भूमि में  20 किलोग्राम अरहर का बीज लगाए। बुआई के 24 घंटे पूवॅ 2.5 ग्राम थीरमध्कैप्टान 2 किलोग्राम बीज के दर से दें।


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