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दोस्‍त-दोस्‍त ना रहा: बिहार में हथौड़ी से मारकर एक राजमिस्‍त्री ने दूसरे की ले ली जान, हत्‍या कर भागा

जिसे हाथ पकड़कर रा‍जमिस्‍त्री का काम करना सिखाया उसी ने बड़ी बेरहमी से अपने उस्‍ताद रूपी दोस्‍त को मार डाला। गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र की इस घटना से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। आरोपित फरार हो गया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 08:57 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 08:57 AM (IST)
दोस्‍त-दोस्‍त ना रहा: बिहार में हथौड़ी से मारकर एक राजमिस्‍त्री ने दूसरे की ले ली जान, हत्‍या कर भागा
घटना के बाद उमड़ी ग्रामीणों की भीड़। जागरण

अतरी (गया),संवाद सूत्र। गया जिले के अतरी थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहड़ा प्रखंड के अरई गांव में बुधवार को घर बनाने का काम करने वाले राजमिस्‍त्री ने दूसरे राजमिस्‍त्री की बेरहमी से हत्‍या कर दी। हथौड़ी से मार-मारकर उसकी जान ले ली। मृतक की पहचान 35 वर्षीय शिवदानी रविदास के रूप में की गई है। इस बाबत मृतक की पत्‍नी ने हत्‍या की प्राथमिकी दर्ज कराई है। 

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काम करते समय दोनों में हुआ विवाद 

ग्रामीणों ने बताया कि आनंद सिंह के मकान में दोनों मिस्‍त्री मिलकर सेटरिंग का काम कर रहे थे। वहीं पर दोनों में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई। इसके बाद दोनों आपस में भिड़ गए। इसके बाद मिश्री राजवंशी ने शिवदानी रविदास के सिर एवं कनपटी पर हथौड़ी से कई वार कर दिए। इससे 35 वर्षीय शिवदानी रविदास की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। जब तक गांव के लोग कुछ समझते यह जघन्‍य वारदात हो चुकी थी।

वारदात के बाद भाग निकला मिश्री राजवंशी 

इसके बाद लोगों ने पकड़ने का प्रयास किया लेकिन मिश्री राजवंशी फरार हो गया।इसके बाद ग्रामीणों ने अतरी थानाध्यक्ष को सूचना दी। अतरी थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज गया भेज दिया। थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार ने बताया कि मृतक की पत्‍नी कारी देवी ने मिश्री राजवंशी के विरुद्ध हत्या का प्राथमिकी दर्ज कराई है।

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जिसे सिखाया करनी पकड़ना उसने ही ले ली जान 

मृतक के पुत्र मनीष कुमार ने बताया की मेरे पिता जी ने राजवंशी को राजमिस्त्री का कार्य सिखाया था। दोनों अच्छे दोस्त  भी थे। पिता जी ठीकेदारी का भी काम करते थे। उसे भी छत ढालने का ठीका देते थे। अचानक पता नही दोनों किस बात को लेकर झगड़ा कर लिए। उन्होंने बताया की हम दो भाई एंव पांच बहन हैं। 20 जून को मेरा फलदान होना था लेकिन इससे पहले ही पिता जी चल बसे ।  


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