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Rohtas: आलिशान आशियाना बनाया है तो हो जाएं तैयार, श्रम संसाधन विभाग की आप पर है नजर

आलीशान मकान बनाने वाले 120 लोगों को श्रम संंसाधन विभाग ने नोटिस भेजी है। 10 लाख से ऊपर के मकान पर एक फीसद कर देने को कहा गया है। इस बीच अब बिचौलिये हावी हो गए हैं। वे मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रहे हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 11:58 AM (IST)
Rohtas: आलिशान आशियाना बनाया है तो हो जाएं तैयार, श्रम संसाधन विभाग की आप पर है नजर
नगर निगम के बाद अब श्रम संसाधन विभाग भी वसूलेगा टैक्‍स। प्रतीकात्‍मक व श्रम अधीक्षक का फोटो

डेहरी ऑन सोन (रोहतास)। आलिशान मकान (Luxurious House) एवं व्‍यवसायिक प्रतिष्‍ठान (Business Establishment) बनाने वालोंं को जेब ढीली करनी होगी। दसअसल 10 लाख रुपये से अधिक से मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनाने वाले 120 लोगों को एक फीसद टैक्‍स देना होगा। इस आशय की नोटिस श्रम संसाधन विभाग (Labor Resources Depratment) ने भेजी है। ताकि राजस्व की चोरी रुके और विभाग का खजाना भी भरे। इस राशि से मजदूर के हित में संचालित योजनाओं पर बेहतर कार्य किया जाएगा।

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120 लोगों को दी गई नोटिस 

श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश कुमार ने बताया कि जिले में 120 लोगों को अभी तक नोटिस दी जा चुकी है। इस बीच यह जानकारी भी मिली है कि नोटिस के निपटारे के लिए कई बिचौलिए सक्रिय हैं। लेकिन लोगों को इनसे सावधान रहना चाहिए। वे बस पैसे ऐंठेंगे, आपका इससे कोई हित नहीं होने वाला। इसको लेकर खुला पत्र भी विभाग ने जारी किया है  ताकि बिचौलिए के चक्कर में लोग नहीं आएं। अगर 10 लाख रुपये से अधिक लागत से मकान बनाए जाते हैं तो एक फ़ीसद टैक्स श्रम संसाधन विभाग को देना होगा

सरकारी, निजी सभी को देना होगा टैक्‍स 

श्रम अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 1996 में सरकार ने एक कानून लागू किया है जिसमें 10 लाख रुपये से अधिक की राशि से निर्माण होने वाले मकान व दुकान से श्रम संसाधन विभाग एक फीसदी टैक्स लेगा जो बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 तथा भवन एवं  सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपस्कर नियमावली 1998 के अंतर्गत सभी सरकारी, निजी, रिहायशी इलाके, भवन अपार्टमेंट, बिजनेस कंपलेक्स को  कुल लागत का एक फीसद की दर से राजस्व  बिहार भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में जमा करने का प्रावधान है। हालांकि  रोहतास एकमात्र ऐसा जिला है जहां इस अधिनियम के तहत अब तक एक भी रुपये जमा नहीं कराए जा सके हैं।

विभाग के प्रधान सचिव ने लिया संज्ञान

श्रम विभाग के अधिकारियों की मानें तो विभाग के प्रधान सचिव ने पिछले माह इस मामले में संज्ञान लेते हुए कहा था कि क्या रोहतास जिले में 10 लाख रुपये से अधिक राशि से निजी, सरकारी या व्यवसायिक भवन नहीं बनाए जा रहे हैं।  विभाग के सचिव का पत्र आते ही श्रम अधीक्षक ने वैसे नव निर्मित मकानों को चिन्हित करना प्रारंभ कर दिया है जो 10 लाख रुपये से अधिक से बने हैं। प्रथम चरण में विभाग ने करीब 120  लोगों को नोटिस जारी किया है ।नोटिस के माध्यम से कहा गया है कि शीघ्र एक फीसद की राशि संबंधित विभाग को जमा करें ।

नोटिस जारी करने के बाद से जिले में हड़कंप मच गया है। बिचौलिए श्रम संसाधन विभाग के कार्यालय का चक्कर लगाने लगे हैं। श्रम अधीक्षक ने बिचौलिये से बचने की अपीीलकी है। साथ ही कहा है कि ऐसे में बिचौलियों के बारे में भी जानकारी श्रम अधीक्षक कार्यालय को दे। राज्य सरकार ने अधिनियम 2009 को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है ।


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