स्वछता अभियान की आइकॉन आशा दीदी को नहीं मिली सहायता राशि, कर्ज भरने को सीएम से लगाई गुहार
स्वच्छता अभियान की राज्य की आइकॉन बनी भैसहा पंचायत के सुजानपुर की आशा दीदी सहायता राशि को मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। आशा देवी उर्फ आशा दीदी ने 2017 में स्वच्छता अभियान को जागरूक करने को गहना गिरवी रख कर्ज लेकर मॉडल शौचालय का निर्माण कर खूब सुर्खियां बटोरी थी।
संवाद सहयोगी, डेहरी ऑनसोन (रोहतास)। प्रखंड के स्वच्छता अभियान की राज्य की आइकॉन बनी भैसहा पंचायत के सुजानपुर की आशा दीदी सहायता राशि को मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। आशा देवी उर्फ आशा दीदी ने 2017 में स्वच्छता अभियान को जागरूक करने को गहना गिरवी रख कर्ज लेकर मॉडल शौचालय का निर्माण कर खूब सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने भैसहा पंचायत में घर घर शौचालय निर्माण को ग्रामीणों को स्वच्छता का अलख जगाया था।
दो बच्चों की मां आशा देवी का जीवन कठिनाइयों से भरा है। पति शंकर सिंह दैनिक मजदूरी करते हैं। इनके दोनों बच्चे मानसिक रूप से विकलांग है। फिर भी अपने पंचायत को स्वच्छता व स्वास्थ्य से जोड़ने में लगी रही। अहले सुबह गांव की पगडंडिओ की रखवाली करती रही, ताकि कोई खुले में आकर शौच न करें। उनके इस प्रयास ने रंग दिखाया।
इनके जज्बे को देख उस समय के डीएम अनिमेष कुमार परासर ने इनके कार्यों को प्रोत्साहित करने को बिहार स्वच्छता अभियान की आइकॉन बनी। राज्य सरकार ने उन्हें दिल्ली भेजा था। जहां उसे आशा दीदी की उपाधि से नवाजा गया। उस समय के एसडीएम पंकज पटेल ने उन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की, जो उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। वे तभी से अनुमंडल व प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही है। जिस कारण वह मॉडल शौचालय के निर्माण को लिए गए कर्ज से मुक्ति उसे नहीं मिली। उसने सीएम से राशि दिलाने को गुहार लगाई है।