रोहतास में मिला क्रोमियम का अकूत भंडार, उद्योग से लेकर मानव शरीर तक के लिए यह फायदेमंद
रोहतास में क्रोमियम और निकेल का खादान मिला है। जल्द ही यहां से खनन शुरू हो सकता है। क्रोमियम काफी महत्वपूर्ण धातु है। यह उद्योग के लिए अत्यंत उपयोगी है। साथ ही यह मानव शरीर के लिए भी उपयोगी है।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। खनिज संपदा परिपूर्ण रोहतास जिले के लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (Geological Survey of India) के सर्वे में यहां पर क्रोमियम व निकेल (Chromium and Nickel) धातु के अकूत भंडार मिले हैं। इसका खनन करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। बीते दिनों खनिजों पर खोज आधारित उच्चस्तरीय बैठक में जिले में क्रोमियम व निकेल के एक-एक ब्लॉक मिलने की जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार से खनन की मंजूरी मिलने के बाद नए माइनिंग ब्लॉक को नीलाम करने की दिशा में पहल भी शुरू कर दी गई है। खनन कार्य शुरू होने के बाद बड़े पैमाने पर यहां के लोगों को रोजगार के साथ-साथ सरकार को राजस्व को भी प्राप्ति होगी।
रोजगार के साथ सुदृढ़ होगी अर्थव्यवस्था
विशेषज्ञों की माने तो जिले में क्रोमियम व निकेल जैसे धातु के नए ब्लॉक का मिलना बड़ी उपलब्धि है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही दोनों ब्लॉक की नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। इससे न सिर्फ रोजगार का सृजन होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। धातु खनिज के भंडार मिलने के बाद जिला एक बार बिहार ही नहीं देश के खनिज मानचित्र पर आ गया है। आने वाले दिनों में इससे सैकड़ों की संख्या में रोजगार पैदा होगा। क्रोमियम व निकेल के आधार पर उद्योगों की शृंखला विकसित हो सकती है। इस्पात उद्योगों के लिए तैयार होने वाले उत्पादों की शृंखला विकसित हो सकती है। कई बड़े उद्योगों के लिए भी प्रोडक्ट तैयार हो सकते हैं। इससे अर्थव्यवस्था का चक्र विकसित होने से उद्योगों की शृंखला तैयार हो सकती है।प्रभारी जिला खनन पदाधिकारी मधुसुदन प्रसाद ने बताया कि समय-समय पर जीएसआइ की ओर से सर्वे रिपोर्ट जारी की जाती है। सर्वे रिपोर्ट व सरकार के निर्देश की प्रतीक्षा है। अभी तक जिला को इस तरह की आधिकारिक तौर पर सूचना प्राप्त नहीं हो सकी है।
मानव शरीर से लेकर उद्योग तक के लिए उपयोगी है क्रोमियम
वैज्ञानिकों के मुताबिक क्रोमियम काफी उपयोगी धातु है। इसका उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है। स्टील को और कठोर बनाने, चर्मशोधन में यह काम आता है। मानव शरीर में ग्लुकोज को नियंत्रित करने में भी यह कारगर है। इसके अलावा हृदय, दिमाग, त्वचा समेत शरीर के अन्य अंगों के लिए यह कारगर है। शीशे को हरा रंग देने, क्रोम प्लेटिंग समेत अन्य कार्यों में यह प्रभावी है। ब्राकली, अंगूर, आलू, लहसुन, सेब और केले में यह पाया जाता है।