ऐसा कैसे कर सकते हैं ओबरा के लोग, जागरुकता की कमी कहें या रोष किसी बात की, जानें क्या किया इन्होंने
सरकार एक तरफ चाह रही है कि कोविड से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगवाया जाय। इसके लिए गांव-गांव वैक्सीन वैन जाकर लोगों को टीका देने की सुविधा प्रदान की गई। परंतु गांवों में इसका सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं।
संवाद सूत्र, ओबरा (औरंगाबाद)। सरकार एक तरफ चाह रही है कि कोविड से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगवाया जाय। इसके लिए गांव-गांव वैक्सीन वैन जाकर लोगों को टीका देने की सुविधा प्रदान की गई। परंतु गांवों में इसका सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं।
बुधवार से अभियान का शुभारंभ हुआ है। गुरुवार 12 बजे तक ओबरा में छह गांवों में महज 50 लोगों ने टीका लगवाया है। जबकि बेल गांव के ग्रामीणों ने तो टीका लेने से ही मना कर दिया है। बेल गांव में जब टीका एक्सप्रेस पहुंची तो कर्मियों के समझाने के बाद भी बेल गांव में एक भी ग्रामीण टीकाकरण नहीं लिए। ग्रामीण अफवाहों का बहाना बनाने लगे। बोले कि टीका लेने से बुखार लगता है और मृत्यु हो जाती है।
टीकाकरण एक्सप्रेस पहले दिन ओबरा प्रखंड के तेंदुआ, कंचनपुर, ललारो, सुरखी फतेहा एवं बेल पहुंची। वैन के साथ चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, सेविका, आशा कार्यकर्ता के साथ जीविका दीदी भी साथ थी। टीका एक्सप्रेस के माध्यम से 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. बिक्रम कुमार सिंह ने बताया कि देहात में टीका की गति काफी धीमी है। लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है।
स्वास्थ प्रबंधक विकास शंकर ने लोगों से अपील की है कि टीकाकरण से कोरोना को परास्त किया जाएगा। टीकाकरण से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, जो टीका नहीं लिए हैं वे अवश्य लें। उधर बेल गांव के शिक्षक अरुण कुमार, ललन प्रसाद ने बताया कि टीका से कोई हानि नहीं है। दूसरे दिन टीका एक्सप्रेस पहुंचेगी तो लोग टीकाकरण कराएंगे। कहा कि अल्पसंख्यक परिवार को जागरूक करने की जरूरत है।