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मरीज के पहुंचते ही हरकत में आए अस्पताल कर्मी, एम्बुलेंस से लेकर स्ट्रैचर तक किया सैनिटाइज

महामारी कोरोना के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज को मगध प्रमंडल के सभी जिलों के साथ ही कैमूर एवं रोहतास जिले के लिए कोरोना विशेष अस्पताल बनाया गया है। व्यवस्था पुख्ता करने के लिए मंगलवार को मगध प्रमंडल आयुक्त असंगबा चुबा आओ की उपस्थिति में मॉक ड्रिल की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 07:20 PM (IST)
मरीज के पहुंचते ही हरकत में आए अस्पताल कर्मी, एम्बुलेंस से लेकर स्ट्रैचर तक किया सैनिटाइज
मरीज के पहुंचते ही हरकत में आए अस्पताल कर्मी, एम्बुलेंस से लेकर स्ट्रैचर तक किया सैनिटाइज

गया । महामारी कोरोना के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज को मगध प्रमंडल के सभी जिलों के साथ ही कैमूर एवं रोहतास जिले के लिए कोरोना विशेष अस्पताल बनाया गया है। व्यवस्था पुख्ता करने के लिए मंगलवार को मगध प्रमंडल आयुक्त असंगबा चुबा आओ की उपस्थिति में मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान सबकुछ उसी अंदाज में हुआ जैसा प्रोटोकॉल में बताया गया है। मरीज के आते ही सभी कर्मी हरकत में दिखे। मरीज को सुरक्षित उतारा गया। स्टै्रचर पर लिटाकर उसे आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाया गया। मॉक ड्रिल में कोरोना के संदिग्ध मरीज को एंबुलेंस में पिकअप करके बैठाने, अस्पताल में लाने, एंबुलेंस से स्ट्रेचर पर लाने, एंबुलेंस को सैनिटाइज करने, जिस रास्ते से मरीज को अस्पताल के विभिन्न कक्षाओं में लेकर जाया गया उन रास्तों एवं कमरों को सैनिटाइज किया गया। वार्ड ब्वॉय को स्ट्रेचर सहित सैनिटाइज करने की प्रक्रिया को दिखाया गया।

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टै्रवल हिस्ट्री जानने के साथ ही कहां-कहां रुका इसे भी जाना

संदिग्ध मरीज के हॉस्पिटल में पहुंचने के उपरात जाच की गई। पिछले दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी लेनी है। पिछले दिनों में वे कहां-कहां ठहरे? इन सारी बातों की विस्तार से जानकारी ली गई। पॉजिटिव मरीज को अलग आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। कोई भी चिकित्सक या कर्मी बिना पीपीई के आइसोलेशन वार्ड में नहीं जाएगा। इसके उपरात पर्सन प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट, पीपीई पहनने का भी मॉक ड्रिल कराई गई।

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पीपीई किट से शरीर को ढंकें, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें

पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंटस से बॉडी के हर पार्ट को कवर करने के पहले एवं कवर करने के बाद हैंड सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य है। बॉडी को पीपीई किट से पूरी तरह कवर करने के बाद ही आइसोलेशन वार्ड में जाना है। डॉ. पीके सिन्हा एवं डब्लूएचओ के डॉक्टर विश्वास ने इस प्रोसेस को डेमॉंस्ट्रेशन द्वारा समझाया।

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बिना पीपीई किट के कोई

भी वार्ड तक नहीं जाएगा

आयुक्त ने सभी चिकित्सकों, नर्सो, उपस्थित कर्मियों तथा एनडीआरएफ की टीम को संबोधित करते हुए कहा कि आइसोलेशन वार्ड में बिना पीपीई किट के कोई नहीं जाएगा। चाहे डॉक्टर हों या अन्य स्टाफ। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल को मगध मेडिकल अस्पताल अधीक्षक एवं प्रिंसिपल पुन: दोहराएंगे। इसके पहले रोस्टर बना लेंगे कि कौन कर्मी या डॉक्टर किस समय कहा उपस्थित रहेंगे।

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समय की यही पुकार, हर कर्मी दें

अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवा : आयुक्त

एंबुलेंस चालक के लिए अलग ब्रीफिंग होगी। वार्ड ब्वॉय के लिए अलग ब्रीफिंग होगी। सैनिटाइजर करने वाले व्यक्ति के लिए अलग ब्रीफिंग होगी। मरीज को लाने वाले वार्ड ब्वॉय एवं नर्स के लिए अलग ब्रीफिंग होगी। आयुक्त ने कहा कि इस महामारी का सामना हम सभी मिलकर करेंगे। सेवा भावना होना जरूरी है। इसलिए मानवता के दृष्टिकोण से और समय की पुकार को देखते हुए आप सर्वश्रेष्ठ सेवा प्रदान करें। आयुक्त ने कहा कि समाचार पत्रों से जानकारी मिली है कि आयरलैंड के प्रधानमंत्री जो एक डॉक्टर भी हैं, इस समय अस्पताल में जाकर स्वयं मरीजों का इलाज कर रहे हैं। यह प्रेरणादायक है।

इस अवसर पर आयुक्त के सचिव अफजारूल रहमान, अपर समाहर्ता नरेश झा, उप निदेशक जनसंपर्क, मेडिकल के अधीक्षक, प्राचार्य व अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।


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