पोषाहार का ओटीपी सत्यापन नहीं कराने वाली तीन सेविकाओं का मानदेय बंद, चयनमुक्ति की हिदायत
पोषाहार योजना के तहत ओटीपी का सत्यापन नहीं कराने वाली तीन आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय रोक दिया गया है। डीपीओ ने यह कार्रवाई की है। हिदायत दी है कि कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होने पर उन्हें चयनमुक्त कर दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। जिले में पोषाहार का ओटीपी सत्यापन नहीं करने वाली तीन आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय बंद कर दिया गया है। इनमें मदनपुर प्रखंड के छालिदोहर आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 121 की सेविका बसंती देवी, देव प्रखंड के गोदामपर केंद संख्या सात की सेविका मंजू देवी एवं ओबरा प्रखंड परिसर केंद्र संख्या आठ की सेविका शिला देवी शामिल हैं। कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होने पर इन्हें चयनमुक्ति की हिदायत भी दी गई है।
सत्यापन नहीं होने के कारण नहीं मिल रहा पोषाहार
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (District Program officer) आइसीडीएस रीना कुमारी ने बताया की मदनपुर, देव एवं ओबरा प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रो के लाभुकों के पोषाहार की ओटीपी सत्यापन की समीक्षा की गई तो पाया गया की सेविका बसंती देवी ने 22 ओटीपी में एक भी लाभुक का ओटीपी का सत्यापन नहीं किया है। वहीं सेविका मंजू देवी के द्वारा 44 ओटीपी में एक भी लाभुक का ओटीपी का सत्यापन नहीं किया गया। ओबरा की सेविका शीला देवी के द्वारा 43 ओटीपी में मात्र 2 ओटीपी का सत्यापन किया गया है।
जिनका ओटीपी सत्यापन शून्य, उनका रोकें मानदेय
डीपीओ ने बताया की जिन सेविकाओं ने जितने ओटीपी का सत्यापन नहीं किया गया है उतने लाभुक पोषाहार से वंचित हैं। बताया कि इन सेविकाओं ने अगर जल्द ही ओटीपी का सत्यापन नहीं कराया तो इनकी चयनमुक्ति के लिए डीएम को लिख दिया जाएगा। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया की सभी सीडीपीओ को आदेश दिया गया है की जिन सेविकाओं का ओटीपी सत्यापन शून्य हैं उन सेविकाओं का मानदेय का भुगतान तत्काल बंद करें। मानदेय बंद करने के बावजूद अगर ओटीपी का सत्यापन नहीं किया जाता है तो चयनमुक्ति के लिए रिपोर्ट करें। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया की सरकार ने यह सुनिश्चित किया है की ओटीपी का सत्यापन करने के बाद ही लाभुक को पोषाहार मिलेगा। जबतक ओटीपी का सत्यापन नहीं होगा लाभुक पोषाहार से वंचित रहेगा। ओटीपी का सत्यापन केंद्रों की सेविका को करना है। इसमें जो भी सेविका लापरवाही बरतेंगी करवाई सुनिश्चित होगी।