गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-शिक्षक चाहें तो नए भारत का निर्माण कर सकते हैं
गया के गांधी मैदान में दो दिवसीय अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्धाटन करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शिक्षक नव भारत का निर्माण कर सकते हैं।
गया [जेएनएन]। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शिक्षकों की महत्ता समझाते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए एक शिक्षक की भूमिका अहम होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के द्वारा ही भारत एक बार फिर पूरे विश्व का गुरु बन सकता है। हमें पूरा विश्वास है कि शिक्षक अपनी कर्तव्य निष्ठा और श्रद्धा के साथ कार्य करें तो देश का विकास हो सकता है।
भगवान बुद्ध एवं भगवान विष्णु की पावन नगरी गया के गांधी मैदान में आयोजित अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के 28 महाधिवेशन में शिरकत करने पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े शिक्षक भगवान बुद्ध हुए, जिन्होंने पूरे विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया।
आज हमारी सरकार भारत को फिर से ताकतवर बनाने की कोशिश कर रही है । हम ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जो ज्ञानवान,चरित्रवान और धनवान हो। छात्रों को शिक्षा के साथ ही संस्कार मिले। उस संस्कार के दारा ही भारत देश दुनिया में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा फिर से पा सकता है।
गृहमंत्री ने कहा कि आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षकों को अपना दायित्व समझना होगा, वह देश को नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं। वो नए भारत का निर्माण कर सकते हैं और भारत फिर से विश्व गुरु बन सकता है। राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका है ।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज दोपहर 1:30 बजे गया जिले के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उसके बाद वे अपराह्न 3:00 बजे गया से राजस्थान के लिए चार्टर विमान से रवाना हो गए।
एयरपोर्ट से लेकर गांधी मैदान तक चप्पे-चप्पे सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी । बता दें कि राष्ट्रीय अधिवेशन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के साथ ही बिहार के कई मंत्री व अधिकारी शामिल हुए हैं।
भोजपुर जिले के प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान महासचिव उमेश कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष में एक बार प्राथमिक शिक्षक संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन होता है। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार के गया शहर में दो दिवसीय सम्मेलन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश के 25 राज्यों से लगभग 50 हजार से भी अधिक शिक्षक सम्मेलन में शामिल होंगे, जहां शिक्षकों की समस्याओं को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सम्मेलन को लेकर व्यापक तैयारी की गई है।