अरे.... काहे आ रहे हैं, इधर कोरोना मरीज हैं न, जब पीपीई किट वाले को रोकने लगे डॉक्टर व कर्मी
डीएम धर्मेंद्र कुमार ने शुक्रवार रात जिले के विभिन्न अस्पतालों का जायजा लिया। इस दौरान जब वे सदर अस्पताल पहुंचे तो पीपीई किट पहने डीएम को कोई पहचान नहीं सका। अस्पताल में घुसते समय उन्हें डॉक्टर व कर्मी टोकने लगे।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। जिले में दिन प्रतिदिन फैल रहे कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Rohtas) व लगातार नए मरीजों के मिलने से जिला प्रशासन ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है। कोरोना की इस जंग को जीतने के लिए अधिकारी भी पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गए हैं। ऐसा ही कुछ हुआ सोमवार की देर रात। जब ऑक्सीजन और बेड की कमी की सूचना पर डीएम धर्मेंद्र कुमार (DM Dharmendra Kumar) स्वयं पीपीई किट (PPE Kit) पहनकर सदर अस्पताल पहुंच गए। अजनबी को पीपीई किट पहन आते देख उन्हें चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों ने रोका। कहा कि आगे मत आइए। लेकिन डीएम बढ़ते गए। जब चेहरा दिखा तो डीएम को देख सभी डॉक्टर व कर्मी हतप्रभ रह गए। डीएम ने आइसोलेशन वार्ड, डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर व कोविड हेल्थ केयर सेंटर की व्यवस्था देखी।डीएम ने इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आइसोलेशन वार्ड व क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था को और दुरुस्त करने का निर्देश दिया ताकि वहां रहने वाले संक्रमितों को कोविड गाइडलाइन के तहत मिलने वाली तमाम सुविधाएं मुहैया हो सके।
जिले में नहीं है बेड व ऑक्सीजन की कमी
डीएम ने कहा कि निरीक्षण में सभी चिकित्सक व कर्मी अपनी ड्यूटी पर तैनात मिले तथा व्यवस्था संतोषजनक दिखी। जिले में फिलहाल ऑक्सीजन सिलेंडर व बेड की कमी नहीं है। संक्रमितों की संख्या के अनुरूप इन दोनों चीजें अस्पतालों में मौजूद है। संक्रमितों की संख्या को देखते हुए सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों को भी कोविड केयर सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कहा कि फिलहाल सासाराम में तीन निजी अस्पताल को कोविड केयर सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया है। जरूरत पड़ी तो और निजी अस्पताल को इसके लिए अधिग्रहित किया जाएगा। कहा कि आमलोगों को भी चाहिए कि किसी प्रकार की परेशानी हो तो जिला प्रशासन की ओर से स्थापित जिला नियंत्रण कक्ष व टेलिमेडिसीन सेंटर के दूरभाष संपर्क कर अपनी बात रख उचित चिकित्सीय परामर्श ले सकते हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक प्राधिकृत किया गया है। डीएम के साथ डीडीसी सुरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार मौजूद थे।