Move to Jagran APP

एसएसबी कैंप हटा, नक्सली गतिविधियों में इजाफा तय

फतेहपुर स्थित बंद पड़े रेफरल अस्पताल में चल रहा था कैंप नवादा से सासाराम भेजी जा रही एसएसबी कैंप

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:41 AM (IST)
एसएसबी कैंप हटा, नक्सली गतिविधियों में इजाफा तय
एसएसबी कैंप हटा, नक्सली गतिविधियों में इजाफा तय

फतेहपुर स्थित बंद पड़े रेफरल अस्पताल में चल रहा था कैंप

loksabha election banner

नवादा से सासाराम भेजी जा रही एसएसबी की कंपनी

गया । पड़ोसी जिला गया में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई है। जिसमें एक इनामी नक्सली कमांडर आलोक के मारे जाने की खबर है। झारखंड सीमा से सटे नवादा और गया जिले में नक्सलियों की सक्रियता बनी रहती है। इसके बीच नवादा से एसएसबी कैंप को हटा दिया गया है। फतेहपुर में बंद पड़े रेफरल अस्पताल स्थित कैंप में प्रतिनियुक्त 29वीं वाहिनी एसएसबी की कंपनी को हटाकर सासाराम भेजा जा रहा है। जिसके बाद कंपनी के अधिकारी से लेकर जवान जाने की तैयारी में जुट गए हैं। कई जवान यहां से रवाना हो गए है। एडीजी अभियान सुनील मान सिंह खोपड़े के निर्देश पर नवादा जिले के फतेहपुर में स्थित एसएसबी के कंपनी को सासाराम भेजा जा रहा है। जिसके बाद से कंपनी जाने की तैयारी में जुट गई है। एसएसबी कैम्प हटने के बाद जिले में नक्सलियों की सक्रियता में इजाफा होना तय माना जा रहा है।

----------------

नक्सलियों के खिलाफ अभियान में मिलती थी मदद

- बता दें कि फतेहपुर में अर्धसैनिक बल की एक कंपनी रहने के कारण रजौली और सिरदला थाना क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को रोकने में कई वर्षों से कामयाबी मिल रही थी। पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड अगर देखा जाए तो अर्धसैनिक बल की तैनाती से इन सभी क्षेत्रों में नक्सली वारदात या उनकी चहलकदमी पर काफी हद तक रोक लग सकी।

-----------------

विधि व्यवस्था में भी रहती थी अहम भूमिका

- नक्सल समस्या हो या विधि व्यवस्था की समस्या, इन सभी जगह पर एसएसबी को तैनात किया जाता था। वीआइपी सुरक्षा, साम्प्रदायिक तनाव, जंगली इलाकों में अवैध खनन रोकने आदि में इसका सहयोग लिया जाता रहा। एसएसबी जवानों की उपस्थिति हर मोर्चे पर कारगर रही।

---------------------

नक्सली पसार सकते हैं पांव

- कंपनी हटने के बाद रजौली और सिरदला के नक्सल प्रभावित इलाके में फिर से एक बार नक्सलियों की आवाजाही पर अंकुश लगा पाना मुश्किल हो जाएगा। इसी का फायदा उठाकर नक्सली संगठन अपना पांव पसार सकता है। गौरतलब है कि रजौली, सिरदला थाना क्षेत्र में अक्सर नक्सलियों की चहलकदमी रहती है। यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफजोन रहा है। गया जिले में मुठभेड़ के बाद नक्सली रजौली, सिरदला के जंगलों में शरण लेते हैं।

-------------------

कहते हैं अधिकारी

- जिले के कौआकोल में सीआरपीएफ और रजौली में एसटीएफ की तैनाती है। इन सभी की मदद से नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार ऑपरेशन किया जाएगा। ऑपरेशन में कोई कमी नहीं आएगी।

हिमांशु शेखर गौरव, एएसपी अभियान, नवादा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.