बंजर भूमि पर छाई हरियाली, किसानों की जिंदगी खिलखिलाई
फोटो सहित 7 अगस्त 32 33 36 से 39 लोगो लगाएं जल संरक्षण -------------------- -बाराचट्टी के दिवनीया पंचायत में गुलसकरी नदी में बरसात के बेकार बह रहे पानी को चेक डैम बनाकर रोका ---------- -धान ही नहीं गेहूं की फसल की सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी -आसपास के गांवों के चापाकलों व कुएं का भी भूजल स्तर सुधरा ------ -04 महीने में बनकर तैयार हो गया चेक डैम 1175 मजदूर लगे -07 लाख 89 हजार रुपये एक चेक डैम बनाने में आई लागत -03 चेक डैम दिवनीया पंचायत में गुलसकरी नदी में -------
अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी
प्रखंड अंतर्गत दिवनीया पंचायत में गुलसकरी नदी में तीन चेक डैम से बंजर भूमि लहलहाने लगी है। धान ही नहीं, गेहूं की फसल की सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी है। आसपास के गांवों के चापाकलों व कुएं में भी पानी है। लोगों को पेयजल के लिए भी भटकना नहीं पड़ता। चेक डैम से किसान तो लाभान्वित हो ही रहे हैं, जल संरक्षण में मील का पत्थर साबित हो रहा है।
वर्ष 2018 में दो अक्टूबर को ग्राम पंचायत के दौरान मुखिया ओंकार साव की अध्यक्षता में कई जगहों पर जल संचय के लिए चेक डैम बनाने का प्रस्ताव बना। 2018 के दिसंबर में डैम बनाने का कार्य शुरू हुआ और मार्च 2019 में पूरा हो गया। डैम के निर्माण में 1175 मजदूर लगे। आज डैम के पास नदी के दोनों तरफ के किसान खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। एक चेक डैम के निर्माण पर सात लाख 89 हजार रुपये लागत आई। केंद्र सरकार की महत्वाकाक्षी महात्मा गाधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना की मद से खर्च किए गए।
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एक किमी क्षेत्र में पानी का जमाव
चेक डैम बनने से एक किमी तक नदी में पानी का जमाव है। डैम के निकट आठ फीट गहराई है। उपरी सतह की ओर जैसे-जैसे बढ़ते जाएंगे पानी की गहराई कम होती जाएगी।
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सौ बीघा खेतों की
सिंचाई का लक्ष्य
एक चेक डैम में जमे पानी से सौ बीघा खेतों को पटवन करने का लक्ष्य रखा गया है। इस भीषण सुखाड़ में भी अभी लगभग 60 बीघे भूमि पर हो रही धान की खेती का पटवन किसान पंप सेट तथा डीजल पंप चलाकर जमा पानी से किसान कर रहे हैं।
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एक-एक बूंद को सहेजा
सरकार से लेकर वैज्ञानिक तक पानी को लेकर चिंतित हैं। बाराचट्टी प्रखंड के दिवनीया पंचायत में एक-एक बूंद पानी को चेक डैम में संजोय कर रखा गया है। ग्राम दिवनीया के पीपरा खान में मनरेगा योजना से बने चेक डैम में बरसात का पानी जमा नहीं हुआ है। इसके उपर में गुलसकरी चादो नहर जहा इस वर्ष हल्की बरसात के पानी का जमाव है। इससे इसके आसपास पानी का सोईया रिसाव भूमि से हो रहा है। इस तरह से पानी कई जगहों से रिस रहा है। चेक डैम बन जाने के कारण रिस रहे पानी का जमाव काफी ज्यादा हो गया है। इससे किसान अपना मोटर पंप या डीजल पंप सेट लगाकर धान का पटवन कर रहे हैं।
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हमलोगों को चेक डैम बन जाने से काफी राहत मिली है। जिस तरह से सुखाड़ है, ऐसे में पीने के पानी के लिए सोचना पड़ता। चेक डैम बन जाने के कारण इस समस्या से मुक्ति मिली है। आज खेतों में धान की फसल है। पानी के लिए चिंता नहीं है।
लखन यादव, कठौतिया
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चेक डैम का निर्माण होने से हमलोगों को बहुत फायदा हुआ। डैम का निर्माण तो दिनवीया पंचायत से हुआ, लेकिन फायदा हमलोगों का भी है। यहा पानी के संचय से आसपास के कुएं और चापाकल सब चल रहे हैं। तीस बीघे से अधिक जमीन में लगी धान की फसल की सिंचाई हमलोग कठौतिया गाव में कर रहे हैं। जहा मन हुआ वहा मोटर पंप लगाकर खेतों तक पाईप से पानी पहुंचा रहे हैं। सभी खेतों में धान की फसल अच्छी है।
राजेंद्र यादव, कठोतिया
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चेक डैम होने के कारण हमलोग इस वर्ष पानी धान की खेती किए। फसल है बहुत अच्छी है। डैम नहीं होने पर अरहर की खेती या फिर खेत को परती छोड़ देते थे।
सुखदेव यादव, चंादो गाव
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डैम से इंसान ही नहीं, जानवरों को भी राहत है। पहले पानी की तलाश नील गाय आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच जाते थे। हमलोग कई बार सैकड़ों की संख्या में नील गाय को डैम में पानी पीते देखे है। हमारे पशुओं को भी फायदा पहुंचा है।
सहदेव यादव, दिवनीया गंाव
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ग्रामीणों की जरूरतों को हरसंभव पूरा करने का प्रयास किया। जल संचय को लेकर सरकार और जिला प्रशासन एवं गाव के लोग चिंतित हैं। गुलसकरी नदी हमारी पंचायत से गुजरी है। इसके पानी को जगह-जगह संचित किया जा सकता है। पंचायत के अंतिम छोर तक कई जगहों पर मनरेगा योजना से चेक डैम बनाने की योजना है। प्रशासन का सहयोग मिला तो और बड़ा रूप दिया जा सकता है।
-ओंकार साव, मुखिया, ग्राम पंचायत दिवनीया, बाराचट्टी