Move to Jagran APP

सासाराम से अच्‍छी खबर, यहां बेटियों की संख्‍या बढ़ी , शिक्षा में भी हुआ सुधार

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में बिहार के सासाराम जिला में महिला -पुरुष लिंगानुपात तो बढ़ा ही है स्कूल जाने वाली बेटियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। यहां प्रति एक हजार लड़के पर अब 1040 लड़कियों की संख्या दर्ज की गई है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 12:08 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 12:08 PM (IST)
सासाराम से अच्‍छी खबर, यहां बेटियों की संख्‍या बढ़ी , शिक्षा में भी हुआ सुधार
जिले में अब प्रति एक हजार लड़के पर अब 1040 लड़कियां, सांकेतिक तस्‍वीर।

सासाराम: रोहतास, ब्रजेश पाठक। जिले के लिए यह अच्छी खबर है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में गत पांच वर्षों में बेटियों की संख्या बढ़ी है। यहां महिला -पुरुष लिंगानुपात तो बढ़ा ही है, स्कूल जाने वाली बेटियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। यहां प्रति एक हजार लड़के पर अब 1040 लड़कियों की संख्या दर्ज की गई है। गत पांच वर्षों में जन्म लेने वाले बच्चों में भी बेटियों की संख्या बढ़ी है। यह संख्या प्रति एक हजार बेटों पर 892 से बढ़कर 924 हो गई है। यह सकारात्मक परिणाम परिवार व समाज का नजरिया बदलने से सामने आया है। सरकार द्वारा भी बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। बेटे-बेटियों में फर्क का फासला काफी हद तक दूर हुआ है। अब अधिकांश बेटियां स्कूल जा रही हैं। शिक्षित होकर समाज को दिशा प्रदान कर रही हैं।

loksabha election banner

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार जिले में गत पांच वर्ष पूर्व जहां छह वर्ष से अधिक उम्र की 67.2 फीसद बच्चियां ही स्कूल जा पाती थी अब यह संख्या बढ़कर 70.5 फीसद हो गया है। जिले में लिंगानुपात 1029 से बढ़कर 1040 हो गया है। गत पांच वर्षों में जन्म लेने वाले प्रति एक हजार बेटों के अनुपात में यह संख्या भी बढ़ी है। पहले बेटियों की संख्या 892 थी जो अब 924 हो गई है। 73.9 फीसद बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र भी बना है,  98.5 फीसद घरों तक बिजली की व्यवस्था हुई है। पहले महज 81.5 फीसद घरों तक ही बिजली पहुंच पाई थी। शुद्ध पेयजल  भी 99.6 फीसद घरों तक संभव हुआ है।

बेटियों की संख्या बढ़ाने के लिए अभियान चला रहीं महिला चिकित्सक डा. कीर्ति पराशर कहती हैं कि इस बदलाव के पीछे समाज व परिवार की बड़ी भूमिका है। सरकार ने अवसर प्रदान किया तो परिवार ने उन्हें आसमान छूने की आजादी दी है। सरकारी नौकरियों से ले पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों में सभी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था से परिदृश्य बदला है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को भी इससे मजबूती मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.