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Gaya Weather Forecast: गया समेत इन जिलों में बूंदाबांदी के आसार, तपिश भी रहेगी कुछ कम

Gaya Weather Forecast गया समेत आसपास के जिलों में कुछेक स्‍थानों पर हल्‍की बारिश के आसार हैं। गर्मी से भी थोड़ी राहत मिल सकती है। मौसम के जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार आने वाले कुछ दिन राहत भरे रहेंगे।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 07:08 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 07:08 AM (IST)
Gaya Weather Forecast: गया समेत इन जिलों में बूंदाबांदी के आसार, तपिश भी रहेगी कुछ कम
बादलों के साथ रहेगी सूरज की लुकाछिपी। सांकेतिक तस्‍वीर

गया, आनलाइन डेस्‍क। Gaya Weather Forecast: गया समेत आसपास के जिलों नवादा, औरंगाबाद, कैमूर और सासाराम में अगले पांच दिनों से हल्‍की से मध्‍यम वर्षा की संभावना मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 35 डिग्री तो न्‍यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। आसमान में बादलों का जमावड़ा रहेगा लेकिन उमस और गर्मी से बहुत राहत नहीं मिलेगी। इस दौरान नौ से 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की  बात कही गई है।बीते कुछ दिनों से उमस और गर्मी के कारण लोग परेशान हैं। ऐसे में बहुत तो नहीं लेकिन कुछ राहत मिलने की उम्‍मीद तो की जा सकती है।  

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विज्ञानी की सलाह, फसलों का ऐसे रखें ध्‍यान 

इस मौसम में खेती को लेकर मौसम विज्ञानी ने विशेष सलाह दी है। सब्जियों की नर्सरी में सफेद मक्‍खी,लीफ हापर और एफीड जैसे कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है। ये कीट पत्‍ते और फलों को चूसते हैं। इनके प्रबंधन के लिए इमिडाक्‍लोप्रीड 0.3 मिलीलीटर एक लीटर में डालकर उसका स्‍प्रे करना बेहतर होगा। वहीं धान की फसल में इन दिनों पत्‍ता लपेटक की समस्‍या आ रही है। इसके लिए करटाप हाइड्रोक्‍लोराइड प्रति लीटर पानी में दो ग्राम डालकर उसका छिड़काव करें।  

धान के पत्‍ते पर दिखें सफेद दाग तो करें ये काम 

वहीं धान में छोटे काले रंग के कीट हिस्‍पा का प्रकोप बढ़ गया है। ये कीट पत्‍ती में छेद कर उसे खा जाते हैं इस कारण धान की पत्तियों पर उजला धब्‍बा दिखता है। ये उत्‍पादन क्षमता में कमी लाते हैं। इनसे फसल के बचाव के लिए साइपरमेथिन 1.5 ग्राम या इंडोक्‍साकार्ब 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में डालकर उसका छिड़काव करना चाहिए।  सितंबर महीने में अरहर की पूसा 9 एवं शरद किस्‍म की फसल लगाने की सलाह भी दी गई है। प्रति हेक्‍टेयर 25 से 30 किलोग्राम बीज लगाएं। बोने से पहले बीजोपचार जरूर करना चाहिए। 

इस दौरान पशुओं खासकर गाय में चमोकन बीमारी का प्रकोप बढ़ सकता है। ऐसे में आइवरमेक्टिन 10 एमजी का टैबलेट पशु के वजन के हिसाब से खिलाएं। प्रति 50 किलोग्राम के हिसाब से यह देना है। वहीं एमएफडी प्रभावित पशुओं के मुंह, खुर एवं थन को पोटैशियम परमैंगनेट के एक ग्राम घोल से साफ करना चाहिए।  


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