बाल श्रमिक की तबीयत बिगड़ी तो ईंट-भट्ठा से भगाया, इलाज के अभाव में हो गई मौत ...बिहार के औरंगाबाद की घटना
Gaya News बिहार के औरंगाबाद के एक ईंट-भट्ठा पर काम करने वाले एक बाल श्रमिक की तबीयत बिगड़ गई तो मालिक ने उसे भगा दिया। विलंब से अस्पताल ले ताजे वक्त इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई।
गया, जागरण संवाददाता। ईंट-भट्ठे पर परिवार के साथ रहकर काम करने वाले बाल श्रमिक की तबीयत अचानक खराब हो गई। फिर, इलाज कराने के बदले ईंट-भट्ठे के मालिक ने उसे पूरे परिवार के साथ बाहर निकाल दिया। इसके बाद इलाज में विलंब के कारण उसकी तबीयत और बिगड़ गई। अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई। घटना औरंगाबाद के पचरुखीया थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव की है। मृतक गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र के सोवाल ग्राम का रहने वाला था।
तबीयत बिगड़ी तो मारपीट कर भगाया
घटना से आहत मृतक के पिता सुदर्शन मांझी ने बताया कि वह अपने पूरे परिवार के साथ औरंगाबाद के पचरुखीया थाना क्षेत्र के सोनबरसा ग्राम स्थित ईंट-भट्ठा पर मजदूरी करता था। बुधवार को उसके 15 वर्षीय पुत्र रामबाबू की अचानक तबीयत खराब होने के बाद उसका इलाज कराने के बजाय मारपीट कर पूरे परिवार को भगा दिया।
बाल श्रमिक की इलाज के अभाव में मौत
सुदर्शन के अनुसार वह अपने बीमार पुत्र के इलाज के लिए ईंट-भट्ठा मालिक व ठेकेदार से विनती करता रहा, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। वह इस ठंड में बीमार बच्चे के साथ अस्पताल जा रहा था कि रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई। मृतक के स्वजनों ने ईंट-भट्ठा मालिक व ठेकेदार पर मारपीट कर वंहा से भगा देने का आरोप लगाया है।
हत्या का मुकदमा व मुआवजा की मांग
घटना की सूचना मिलने के बाद टिकारी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए गया मेडिकल कालेज एवं अस्पताल भेज दिया है। इस मामले में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा दलित प्रकोष्ठ के जिला सचिव जैकी राज ने ईंट-भट्ठा मालिक पर बाल मजदूरी कराने, काम का हिसाब मांगने पर मारपीट करने और भट्ठा से भगाने आदि के आरोप लगाते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। साथ ही जिला प्रशासन से मृतक के पिता को मुआवजा देने की मांग भी की है।