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Gaya News: बिना कार्यभार सौंपे आकस्मिक अवकाश पर चले गए मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति

मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद गुरुवार की देर रात विवि मुख्यालय से बाहर चले गए हैं लेकिन किसी को अपना प्रभार नहीं सौंपा है। जबकि नियमानुसार कुलपति के मुख्यालय से बाहर जाने पर प्रतिकुलपति को प्रभार सौंपा जाता है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 03:18 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 03:18 PM (IST)
Gaya News: बिना कार्यभार सौंपे आकस्मिक अवकाश पर चले गए मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति
कार्यभार सौंपे बिना ही छुट्टी पर चले गए मगध विवि के वीसी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, बोधगया। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद गुरुवार की देर रात विवि मुख्यालय से बाहर चले गए हैं, लेकिन किसी को अपना प्रभार नहीं सौंपा है, जबकि नियमानुसार कुलपति के मुख्यालय से बाहर जाने पर प्रतिकुलपति को प्रभार सौंपा जाता है। बताते हैं कि कुलपति प्रो. प्रसाद ने ऐसा कभी नहीं किया, लेकिन इस बार उनका अचानक मुख्यालय से बाहर जाना चर्चा का विषय बना है। दरअसल, बुधवार को उनके गया स्थित आवास और विवि मुख्यालय के कार्यालय सहित गोरखपुर के निजी आवास पर बिहार निगरानी की विशेष इकाई ने आय से अधिक संपत्ति व एक अन्य मामले को लेकर एक साथ छापेमारी की थी।

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गया स्थित आवास से निगरानी की टीम ने एक लाख 52 हजार रुपये नकद बरामद किए थे, जबकि गोरखपुर स्थित आवास से 95 लाख रुपये की नकदी सहित जमीन के दस्तावेज, विदेशी मुद्रा और जेवरात आदि बरामद किए थे। सबसे अहम यह है कि मगध विवि के कुलपति पद पर रहते हुए प्रो. राजेंद्र प्रसाद ने जमीन की खरीदारी की है और निजी लाभ के लिए अपने चहेतों की दो कंपनियों को विवि नियमावली को नजरअंदाज कर उत्तरपुस्तिका और प्रश्न पत्रों की आपूर्ति की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए किसी प्रकार का टेंडर भी नहीं किया गया।

यही नहीं दोनों कंपनियों को विवि की परीक्षा शाखा के खाते से 16 करोड़ रुपये का भुगतान भी करा दिया गया। इसके अलावा कुलपति पर मगध विवि की 30 करोड़ की राशि के दुरुपयोग का आरोप निगरानी ने लगाया है। उसके साक्ष्य जांच के लिए आई निगरानी की विशेष इकाई को संचिका में मिले हैं। उक्त संचिका को टीम अपने साथ ले गई है। निगरानी जांच के बाद कुलपति का अपनी पत्नी के साथ किसी को बिना कुछ बताए विवि के वाहन से आकस्मिक अवकाश पर जाना संदेहास्पद बना है।

विवि मुख्यालय में मौजूद हैं सिर्फ प्रो-वीसी

मगध विवि के प्रतिकुलपति प्रो. विभूति नारायण सिंह इकलौते ऐसे अधिकारी हैं, जो अभी विवि परिसर स्थित आवास में मौजूद हैं। कुलपति अचानक मुख्यालय से बाहर चले गए हैं और कुलसचिव आर्यभट्ट विवि में कार्यरत हैं। उनके पास मगध विवि का भी प्रभार है, इसलिए सप्ताह में तीन दिन वे मगध विवि में बैठते हैं। विवि के वित्त पदाधिकारी भी अवकाश पर हैं। शुक्रवार को गुरु नानक जयंती होने के कारण विवि में अवकाश था।

बढ़ सकती हैं कुलपति व उनके शागिर्दों की मुश्किलें

बोधगया। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के विरुद्ध शुरू हुई निगरानी विभाग की जांच के बाद अब न केवल कुलपति, बल्कि उनके शागिर्दों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, कुलपति के विरुद्ध निगरानी विभाग से लेकर राजभवन तक तीन और मामले लंबित हैं। उसमें एक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से की गई शिकायत पर सुनवाई न करने के बाद पटना हाईकोर्ट ले जाया गया, जो अभी लंबित है। दो शिकायतें राजभवन और निगरानी विभाग में अभी लंबित हैं। इसे पूर्व कुलसचिव प्रो. विजय कुमार, पूर्व वित्त पदाधिकारी मधुसूदन मालवीय व पूर्व वित्तीय परामर्शी के संयुक्त हस्ताक्षर से राजभवन व निगरानी को भेजा गया था। एक और शिकायत राजभवन द्वारा हटाए जाने के बाद कुलपति प्रो. प्रसाद पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के पूर्व कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी द्वारा राजभवन में की गई थी।

अब सभी की निगाहें मगध विवि के कुलपति पर निगरानी की विशेष इकाई की कार्रवाई के बाद राजभवन पर टिकी हैं। क्या उक्त शिकायतों पर राजभवन स्तर से भी कार्रवाई की जाती है या फिर त्याग पत्र ले लिया जाएगा। निगरानी सूत्रों की मानें तो कुलपति प्रो. प्रसाद के विरुद्ध हुई कार्रवाई में उनके गोरखपुर स्थित आवास से नकदी सहित इनके मगध विश्वविद्यालय में रहने के दौरान खरीदी गई जमीन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अभी इनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच चल रही है और इसकी सूचना राज्य सरकार व राजभवन को भी दी जा चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि अब राजभवन कुलपति प्रो. प्रसाद पर क्या कार्रवाई करता है?

सूत्रों ने बताया कि फरवरी 2021 में दर्ज मामले में कुलपति के अलावा उनके शागिर्दों को निगरानी के पटना स्थित कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की जाएगी। उसके बाद अग्रेतर कार्रवाई होगी। यह भी कहा गया कि अगर निगरानी कोर्ट से गिरफ्तारी का आदेश और वारंट होता है तो निश्चित ही कुलपति और उनके शागिर्दों को जेल की हवा खानी पड़ेगी।

मगध विवि सिंडिकेट की बैठक हुई स्थगित

मगध विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की 20 नवंबर को प्रस्तावित बैठक स्थगित हो गई है। कुलपति के आकस्मिक अवकाश पर चले जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है। बैठक स्थगन के संबंध में शुक्रवार की देर शाम कुलसचिव के आदेश से एक अधिसूचना जारी कर दी गई। 


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