राजद की पूर्व विधायक कुंती देवी व्हील चेयर पर लाई गईं कोर्ट, हत्या मामले में ठहराई गई हैं दोषी
जदयू नेता सुमारिक यादव हत्याकांड में राजद की पूर्व विधायक कुंती देवी दोषी करार दी गई हैं। 2013 की इस घटना को लेकर सजा का फैसला 23 जनवरी को होगा। पेशी के लिए पूर्व विधायक को व्हील चेयर पर कोर्ट लाया गया।
जागरण संवाददाता, गया। चर्चित सुमारीक यादव हत्याकांड में अतरी की पूर्व राजद (RJD)विधायक कुंती देवी दोषी करार दी गई हैं। 23 जनवरी को सजा के बिंदुओं पर फैसला होगा। मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संगम सिंह के न्यायालय में पेशी के लिए भारी भीड़ के बीच पूर्व विधायक कोर्ट लाई गईं। लोगों को हैरत तब हुई जब उन्हें व्हीलचेयर पर देखा। बहरहाल कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में गया केंद्रीय कारागार भेजने का आदेश दिया। पूर्व विधायक के अधिवक्ता शकील अहमद एवं अरुण कुमार ने न्यायालय से प्रार्थना की कि उन्हें जेल में मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए।इससे पूर्व अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक मसूद मंजर ने बहस की। न्यायाधीश को बताया कि सभी गवाहों ने अभियोजन के पक्ष में गवाही दी है। सुमारिक यादव की हत्या राजनीति के तहत कर दी गई थी।
ऐसे हुई थी सुमारिक यादव की हत्या
घटना 26 फरवरी 2013 की है। उस दिन सुमारिक यादव जदयू (JDU)कार्यालय से विजय यादव एवं अन्य लोगों के साथ घर जा रहा था। रास्ते में ही कुंती देवी, उनके पुत्र रंजीत यादव, विवेक कुमार, रंजीत के साला पंकज यादव एवं अन्य चार पांच लोगों ने उसे रोक लिया। कुंती देवी बोली कि मारो इसको, इसी के कारण चुनाव हार गए हैं। इसके बाद सभी ने मिल कर सुमारिक यादव को लाठी व रॉड से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अस्पताल ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। सुमारिक यादव के भाई विजय यादव के बयान पर नीमचक बथानी थाना में प्राथमिकी ( 21/2013) दर्ज कराई गई थी।
पूर्व विधायक के पुत्र ने कहा- घटना के दिन वह था ही नहीं
सूचक के अधिवक्ता अमरेन्द्र नारायण सिन्हा, पंकज नयन एवं ज्योति कुमार सिन्हा ने बताया अतरी का वर्तमान विधायक रंजीत यादव जो कुंती देवी का पुत्र है, कांड में उसका भी नाम है। अपर लोक अभियोजक मसूद मंजर ने बताया कि एसीजेएम दस की अदालत में संज्ञान के लिए रिकार्ड लंबित है। उन्होंने यह भी बताया कि रंजीत यादव की ओर से न्यायालय में हवाई जहाज का टिकट दिया गया है और कहा गया है कि घटना के दिन वह नहीं था। राजनीति के तहत फंसाया गया है। एसीजेएम दस ने अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया है कि हवाई अड्डा का सीसीटीवी फुटेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाय। उसके लिए वरीय आरक्षी अधीक्षक के माध्यम से पत्र भेजने का निर्देश दिया है।