गेहूं की उपज का आकलन करने खेत में उतरे गया के डीएम, क्रॉप कटिंग में मिले बंपर पैदावार के संकेत
गेहूं की उपज का आकलन करने के लिए शनिवार को गया में डीएम अभिषेक सिंह की मौजूदगी में क्रॉप कटिंग कराई गई। इस दौरान 50 वर्ग मीटर में हुई कटनी से 29. 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज का आकलन किया गया है।
गया, जागरण संवाददाता। गेहूं की फसल (Wheat Crop) पककर तैयार हो गई है। इन पके फसलों को देखकर लगता है जैसे प्रकृति ने सुनहरी चादर बिछा रखी हो। किसान भी लहलहाती फसलों को देखकर गदगद हैं। वे अच्छी पैदावार की उम्मीद में हैं। क्रॉप कटिंग में की गई गणना से इसकी पूरी संभावना है कि इस बार उपज अच्छी होगी। क्रॉप कटिंग (Crop cutting) का शुभारंभ डीएम अभिषेक सिंह ने किया। काटी गई फसल से निकले अन्न को तौलने के बाद प्रति हेक्टेयर करीब 30 क्विंटल उपज आंकी जा रही है।
50 वर्गमीटर में हुई 14 किलो की उपज
नगर प्रखंड गया के नैली पंचायत के दुबहल राजस्व ग्राम के किसान संतोष कुमार की खेत में पहुंचकर जिलाधिकारी ने गेहूं की बालियों को ध्यान से देखा। पुष्ट दानों को देखकर साथ में रहे कृषि अधिकारियों के साथ चर्चा की। खेत के 50 वर्ग मीटर की फसल को कटाई करने के बाद प्राप्त गेहूं का वजन किया गया। कुल 14 किलोग्राम उपज मिला। इस तरह से उस खेत की उपज का आकलन 29.60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आंका गया। सांख्यिकी विभाग की ओर से हर साल फसल की कटनी करवाकर उपज का आकलन किया जाता है। रिपोर्ट सरकार को भी भेजी जाती है। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विजय रजक, सांख्यिकी विभाग के पदाधिकारी व दर्जन भर किसान और विभागीय कर्मी उपस्थित थे।
एक सप्ताह में सभी जगह गेहूं की कटनी होगी तेज: डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने बताया कि इस साल गया जिले में गेहूं की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद लगाई गई है। जिले के सभी 24 प्रखंडों में 80 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगाई गई थी। इस आलोक में 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। अधिकारी ने बताया कि हार्वेस्टर से भी गेहूं की कटनी को लेकर विभागीय व्यवस्था की जा रही है। ताकि जल्द से जल्द फसल की कटनी पूरी हो जाए। उन्होंने किसानों से भी अनुरोध किया कि जहां कहीं भी फसल पूरी तरह से तैयार हो गई है उनकी कटनी शुरू कर दें। गौरतलब है कि पिछले साल बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल की उपज काफी प्रभावित हुई थी। किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार जिला कृषि कार्यालय की ओर से हार्वेस्टर के लिए किसानों को पास भी दिया जा रहा है।