सभी के दिलों में आज भी बसते हैं जगलाल महतो
इमामगंज। महतो जी जगलाल जी गया जिला के लाल जी भारत में पैदा हुए अंग्रेजों के काल जी.. यह दोहा
इमामगंज। 'महतो जी जगलाल जी, गया जिला के लाल जी, भारत में पैदा हुए अंग्रेजों के काल जी..' यह दोहा इमामगंज व डुमरिया वासियों के दिल से आज भी नहीं निकला है। स्वतंत्रता सेनानी व इमामगंज के प्रथम विधायक स्व. जगलाल महतो, स्व. रामधन महतो व बिलासी देवी के द्वितीय पुत्र थे। जगलाल महतो का जन्म एक साधारण परिवार में प्रखंड के करमौन गाव में चार जुलाई 1905 में हुई थी। उन्होंने प्राईमरी शिक्षा मैगरा प्राथमिक विद्यालय से पाने के बाद सेवाभाव से मैगरा ऊपर स्कूल से अध्यापन का कार्य किया। इसके बाद सन1928 में रंगलाल हाई इंग्लिश स्कूल शेरघाटी में अध्ययन करते हुए भी रविवार को छुट्टी मिलने पर राजनैतिक एवं सामाजिक गोष्ठी का संचालन किया करते थे।
उसी दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल का नवादा में किसान समस्या पर व्याख्यान सुनकर उनके अनुयायी बन गए और महात्मा गाधी द्वारा नमक आदोलन का आह्वान होते ही विदेशी माल बहिष्कार कर खादी का प्रचार प्रसार करते हुए देश की आजादी में कूद पडे। अंग्रेजों के खिलाफ गाव-गाव में जंग छेड़ दी। अंग्रेज जब उन्हें पकड़ना चाहा तो उन्होंने नदी के बाढ़ में डुबकी लगाकर भाग जाते थे और सुरगाही पहाड़ी के खोह में छूपकर एक-एक माह तक रात में रहते थे।
जब देश 1947 में आजाद हुआ तो काग्रेस पार्टी के टिकट पर 1952 में शेरघाटी विधान सभा क्षेत्र से प्रथम विधायक बने। इसके बाद 1957 में महतो जी को बीमार रहने के कारण पार्टी ने उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया, जो चुनाव हार गई थी।
महतो के गाव-गाव में किए गए कार्यक्रम को आज गाव के बुजुर्ग लोग इतिहास लिखी कहानी बच्चों को सुना रहे हैं। उन्होंने अपनी पूरा जीवन शिक्षा के क्षेत्र में लगाए रखे। इसी दौरान 1937 में अपने घर मैगरा के पास भारती कुटीर का स्थापना कराए थे। 1954 में मैगरा हाई स्कूल की स्थापना, 1959 में जगजीवन महाविद्यालय गया का स्थापना,1980 में पोखरपुर डुमरिया में हाईस्कूल की स्थापना किया था। इमामगंज प्रखंड में चार स्वतंत्रता सेनानी थे। जिसमें कनौदा गाव के स्व. सुबा सिंह, छोटकी परसिया के बालगोविंद महतो, रानीगंज के दरवारी लाल, डुमरिया प्रखंड के लोंदा गाव के सरजु महतो, मैगरा के ब्रहम्मदेव शास्त्री, कोलसैता गाव के गजाधर महतो सभी स्वतंत्रता सेनानी थे।