पांच हजार किसानों ने धान बेचने के लिए करा लिया रजिस्ट्रेशन, अब तक नहीं खुला है एक भी क्रय केंद्र
रोहतास जिले में धान खरीदने के लिए बिचौलिए और साहुकार चौकस हो गए हैं। लेकिन अब तक सरकारी स्तर पर एक भी क्रय केंद्र नहीं खुल सका है। ऐसे में किसानों के सामने मजबूरी की स्थिति है। 15 नवंबर को ही केंद्र खुलना था।
जेएनएन, रोहतास। जिले में धान की कटनी का कार्य अब जोर पकड़ने लगा है। बाहर से आए मजदूरों के अलावा हार्वेस्टर से कटाई कराई जा रही है। इधर औने-पौने दाम पर धान की खरीद के लिए बिचौलिये व साहूकार भी सक्रिय हो गए हैं। प्रशासन सजगता का दावा कर रहा है। अबतक जिले में पांच हजार किसानों का पंजीकरण भी करा लिया गया है। लेकिन चिंता की बात यह कि एक भी धान क्रय केंद्र नहीं खुल पाया है।
किसानों ने बताया कि लगभग 15 दिनों से धान तैयार है। अभी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। क्रय केंद्र तक इस बार भी समय पर किसानों का धान पहुंच पाएगा, इसे लेकर संशय बरकरार है।
15 नवंबर से ही शुरू की जानी थी खरीदारी- गत 15 नवंबर से ही जिले में धान क्रय केंद्र खुल जाना था, लेकिन सरकारी व्यवस्था सुस्त पड़ गई है। केवल पंजीकरण का काम किया जा रहा है। अब जब धान हार्वेस्टिंग कार्य जोर पकड़ने लगा है, तो प्रशासनिक कवायद भी तेजी से शुरू होनी चाहिए । यदि इस बार भी अधिप्राप्ति में देर होती है, तो फिर किसान औने-पौने दाम पर धान बेच रबी फसल की बोआई करने को विवश होंगे।
पिछले वर्ष हुई थी परेशानी- सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने में पिछले वर्ष किसानों को काफी परेशानी हुई थी। कई किसानों की मानें तो धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी जद्दोजहद के बाद ही मिल पाया था। उसमें भी पैक्स अध्यक्ष लगभग सौ रुपए प्रति क्विंटल खर्च के नाम पर अग्रिम जमा करा लिए थे।कई पैक्स समितियों ने भुगतान में हीलाहवाली की तब किसानों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी। बताते चलें कि इस वर्ष जिले में एक लाख 95 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई है।
कहते हैं अधिकारी-जिला सहकारिता पदाधिकारी समरेश कुमार का कहना है कि धान खरीद में पारदर्शिता बरती जाएगी। पैक्स समितियों व व्यापार मंडल को इसके लिए सख्त निर्देश दे दिए गए हैं। मानक के अनुसार ही धान की खरीदारी होगी। अभी धान में मानक से अधिक नमी है। लगभग पांच हजार किसान रजिस्ट्रेशन करा लिए है। शीघ्र ही क्रय केंद्र कार्य करना शुरू कर देगा।