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पीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने से रेफर किए जा रहे महिला मरीज

स्थानीय पीएचसी में महिला चिकित्सक और कर्मचारी नहीं हैं। इस कारण महिला मरीज रेफर कर दिए जा रहे हैं। 30 बेड वाले अस्पताल में पांच डॉक्टर पदास्थापित हैं। विभाग ने एक डॉक्टर अभिषेक कुमार को जयप्रकाश नारायण अस्पताल में प्रतिनिधित्व कर दिया है। वहीं संविदा पर बहाल एएनएम के नियमित होने पर अन्य अस्पताल में नियुक्ति कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 02:22 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:09 AM (IST)
पीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने से रेफर किए जा रहे महिला मरीज
पीएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने से रेफर किए जा रहे महिला मरीज

गया । स्थानीय पीएचसी में महिला चिकित्सक और कर्मचारी नहीं हैं। इस कारण महिला मरीज रेफर कर दिए जा रहे हैं। 30 बेड वाले अस्पताल में पांच डॉक्टर पदास्थापित हैं। विभाग ने एक डॉक्टर अभिषेक कुमार को जयप्रकाश नारायण अस्पताल में प्रतिनिधित्व कर दिया है। वहीं संविदा पर बहाल एएनएम के नियमित होने पर अन्य अस्पताल में नियुक्ति कर दी गई है। डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण प्रखंड की महिलाओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यहां साल में सौ से अधिक प्रसव कराए जाते हैं।

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लोगों को नहीं मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

स्थानीय भाजपा के प्रदेश नेता सुनील कुमार उर्फ पप्पू ने बताया कि अस्तपाल की हालत बहुत ही दयनीय है। हाईवे होने के कारण अक्सर आते-जाते रहते हैं। घायल मरीज नेशनल हाईवे दो के किनारे स्थित आम अस्पताल में कर्मी और संसाधनों की कमी सरकार की नाकामियों को उजागर कर रही है, जबकि इस अस्पताल में आमस और गुरुआ प्रखंड क्षेत्र के मरीज इलाज कराने पहुंचे हैं। हाईवे होने के कारण सड़क हादसे में घायल मरीज भी पहुंचते हैं। फिर भी स्वास्थ्य केंद्र में घोर लापरवाही बरती जा रही है। आम लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है

एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं

टीवी के मरीजों के इलाज के लिए लैब खोला गया है, लेकिन लैब टेक्नीशियन मोहम्मद देओल रहमान समय से उपलब्ध नहीं रहते हैं। प्रखंड परिसर में अल्ट्रासाउंड व एक्सरे मशीन भी नहीं है। अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन नहीं रहने के कारण मरीजों को निजी क्लीनिक में जाना पड़ता है। इस कारण आर्थिक रूप से कमजोर लोग इलाज नहीं करा पाते हैं।

आठ डॉक्टर गए, मगर एक भी नहीं आए

एंबुलेंस सेवा की भी हालत खराब है, जबकि जंगली इलाका होने के कारण क्षेत्र में गरीबी अधिक है। यहां से आठ डॉक्टरों का ट्रांसफर हुआ, लेकिन एक की भी नियुक्ति नहीं हुई। अस्पताल से आठ एएनएम दूसरी जगह पर प्रतिनियुक्त की गई, लेकिन यहां अभी तक एक भी एएनएम को नियुक्त नहीं किया गया है। एक चिकित्सक की भी दूसरे अस्पताल में प्रतिनियुक्ति हुई है।

सूचित करने के बाद भी स्थिति यथावत

इस बाबत आमस चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुल्तान अंसारी ने बताया कि इन सारी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया गया है। अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। महिला चिकित्सा के लिए कई बार जिले को सूचित किया गया है, लेकिन स्थिति यथावत है।


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