9 वर्ष में बदले गए 9 थानाध्यक्ष
संवाद सूत्र, फतेहपुर : फतेहपुर थाना की पहचान जिले के सबसे बड़े थाने में है। हालांकि, ह
संवाद सूत्र, फतेहपुर : फतेहपुर थाना की पहचान जिले के सबसे बड़े थाने में है। हालांकि, हाल के दिनों में गुरपा ओपी खोलने से इसके क्षेत्रफल में थोड़ी कमी आई है। पिछले नौ वर्षो के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यहां नौ थानाध्यक्षों में एक भी बेदाग नहीं रहे। किसी न किसी कारण से अधिकांश थानाध्यक्षों को लाइन हाजिर होना पड़ा।
थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार को महुगाइन में घटित नाबालिग से दुष्कर्म कांड में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया था। उसके बाद आए थानाध्यक्ष अमेन्द्र कुमार सिंह महज 18 माह में ही दूसरे जिले में स्थानांतरित कर दिए गए। तब 15 मार्च 2014 को अखिलेश कुमार ने नए थानाध्यक्ष का कार्यभार संभाला। उन्हें 16 अगस्त 2015 को लाइनहाजिर कर दिया गया। लालमणि दुबे फतेहपुर के नए थानाध्यक्ष बने। दो साल दो माह पंद्रह दिन के बाद 31 अक्टूबर 2017 को उन्हें क्षेत्र में तीन हत्या की वारदातों को लेकर लाइन हाजिर कर दिया गया। नवंबर में राकेश रंजन नए थानाध्यक्ष बनाए गए। उन्हें शराब से लदे वाहन को छोड़ने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। हालांकि, रंजन सबसे कम दिन तक यहां थानाध्यक्ष के पद पर काबिज रहे। फिलहाल पद रिक्त है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन में नए थानाध्यक्ष कार्यभार संभालेंगे। लेकिन नए थानाध्यक्ष पर शराब बंदी से लेकर क्षेत्र में विधि व्यवस्था को बनाए रखना बड़ी जिम्मेदारी होगी। हालांकि, गुरपा ओपी के बनने के बाद फतेहपुर थाना की सीमा अब झारखंड राज्य की सीमा से दूर हो गया। लेकिन शराब व महुआ कारोबारियों के लिए इस क्षेत्र का रास्ता पुराना है।