कैमूर में यूरिया के लिए किसान परेशान, लाइन में घंटों खड़े होने के बाद भी नहीं मिल रही खाद
कैमूर के किसान लगातार खाद की समस्या से परेशान हैं। चार बजे भोर से बारिश के बीच लाइन में लगने पर भी पर्याप्त मात्रा में नहीं किसानों को खाद नहीं मिल पा रही हैं। यूरिया को लेकर जिले में मारामारी के हालत हैं।
संवाद सूत्र, रामगढ़(कैमूर)। काफी दिनों बाद खाद को लेकर ऐसी नौबत आई है कि किसान मारे-मारे फिर रहे हैं। फिर भी यूरिया खाद उन्हें पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है। लंबे अर्से बाद यूरिया खाद की बड़ी खेप बाजार में उपलब्ध हुई, लेकिन वह 36 घंटे भी नहीं टीक सकी। बाजार के दुकानदारों के यहां भी यूरिया खाद का पर्याप्त आवंटन होने के बाद भी यूरिया की किल्लत समझ से परे है। बिस्कोमान भवन में ढाई हजार बोरी यूरिया लेने के लिए किसानों के बीच मारामारी की नौबत उत्पन्न हो गई। बाद में पुलिस बल व कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में खाद का वितरण हुआ। पहले दिन किसान लाइन में लगने के बाद भी खाद का सत्यापन नहीं होने से किसान निराशा होकर लौट गए थे ।
लेकिन दूसरे दिन किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद बमुश्किल से उन्हें दो से चार बोरी यूरिया खाद जैसे तैसे मिल पाई। कुल 58 सौ बोरी यूरिया रामगढ़ को आवंटित हुई है। विदामनचक के किसान त्रिपुरारी चौबे, इसरी के अभय सिंह, छेवरी के आनंद पांडेय आदि लोगों ने कहा कि इस तरह का दर्द किसानों को कभी नहीं मिला था। यूरिया खाद के लिए कभी समस्या नहीं होती थी। किसानों ने कहा कि सरकार द्वारा खाद की व्यवस्था होने के बाद भी दुकानदार अपने हिसाब से खाद खत्म होने की बात कह किसानों को लौटा दे रहे हैं। जब किसान सड़क पर खाद बीज को लेकर उतरेंगे तो बड़ी मुश्किल होगी।
इस बार पहले खाद पाने के लिए किसान के रुप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रही हैं। खाद की चाहत में वे बिस्कोमॉन भवन से लेकर बाजार के खाद विक्रेता के यहां पहुंचीं। लेकिन उन्हें भी खाद पाने के लिए छह घंटे लाइन में लगना पड़ा। बिस्कोमान भवन से लेकर बाजार के खाद दुकानों पर खाद लेने के लिए कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती रही। सरकारी दर पर खाद पाने के लिए बिस्कोमान भवन के बाहर महिलाएं भी लाइन में सुबह में ही लग गईं। महिलाओं ने बताया कि इस दौरान बारिश भी हुई। बिस्कोमान भवन पर एक आधार कार्ड पर चार बोरी यूरिया मिल रही थी। खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलने से शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया।
हालांकि खाद विक्रेता दो चार दिन में यूरिया के फिर आने की बात कर रहे हैं। इस संबंध में बिस्कोमान भवन के मैनेजर अजय सिंह ने बताया कि यूरिया खाद बिस्कोमान भवन में काफी दिनों बाद ढाई हजार बोरी मिली है। जबकि आवश्यकता यहां अधिक की है। बीएओ जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बिस्कोमान भवन से लेकर बाजार में यूरिया खाद बंंट रही है। लेकिन भीड़ ज्यादा बिस्कोमान भवन पर हो रही है।