कैमूर में नहीं खत्म हो रही है किसानों की समस्या, दो दिनों में समाप्त हो गई चार हजार बोरी डीएपी
कैमूर के किसानों की समस्या खत्म होने के नाम नहीं ले रही है। दो दिन केवल बिस्कोमान भवन ही किसानों को खाद उपलब्ध करा सका। लेकिन दूसरे दिन किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद बमुश्किल से दो बोरी डीएपी खाद मिली।
रामगढ़(कैमूर) संवाद सूत्र। काफी दिनों बाद खाद को लेकर ऐसी नौबत आई है कि किसान मारे-मारे फिर रहे हैं। लेकिन उन्हें डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है। लंबे समय बाद डीएपी खाद बाजार में उपलब्ध हुई, लेकिन 48 घंटे भी नहीं बंट सकी। बाजार के दुकानदारों के यहां डीएपी का आवंटन नहीं होने से बिस्कोमान भवन से चार हजार बोरी डीएपी खाद किसान प्रसाद की तरह ले उड़े। दो दिन केवल बिस्कोमान भवन ही किसानों को खाद उपलब्ध करा सका। लेकिन दूसरे दिन किसानों को घंटों लाइन में लगने के बाद बमुश्किल से दो बोरी डीएपी खाद मिली।
पहले दिन 15 सौ बोरी दूसरे दिन दो हजार बोरी डीएपी खाद वितरित की गई। इसमें से भी कई किसान बिना खाद के लौट गए। इतनी बड़ी खाद की समस्या होने के बावजूद जनप्रतिनिधि मौन है। शासन प्रशासन के लोग पल्ला झाड़ रहे हैं। विदामनचक के किसान त्रिपुरारी चौबे, इसरी के अभय ङ्क्षसह, छेवरी के आनंद पांडेय आदि लोगों ने कहा कि इस तरह का दर्द किसानों को कभी नहीं मिला था। यूरिया खाद के लिए कभी समस्या होती थी। इनलोगों ने कहा कि सरकार द्वारा खाद की व्यवस्था अविलंब नहीं की गई तो किसानों का सब्र का बांध भी टूट सकता है। जब किसान सड़क पर खाद बीज को लेकर उतरेंगे तो बड़ी मुश्किल होगी। इस बार पहले खाद पाने के लिए किसान के रुप में महिलाएं खाद लेने पहुंच रही है। खाद की चाहत में वे बिस्कोमान भवन से लेकर बाजार के खाद विक्रेता के यहां पहुंची। लेकिन खाद खत्म होते ही लाइन में लगे आधे से अधिक किसान बिना खाद के घर लौटे। डीएपी खाद गेहूं की बोआई के समय में ही गायब है।
डीएपी खाद नहीं मिलने के साथ यूरिया खाद की भी थोड़ी बहुत समस्या है। खाद की जरूरत होने को लेकर दो दिनों तक किसानों में मारामारी की नौबत हो गई थी। सरकारी दर पर खाद पाने के लिए बिस्कोमान भवन पर महिलाएं भी लाइन में सुबह में ही लग गई। बिस्कोमान भवन पर एक आधार कार्ड पर दो बोरी डीएपी मिल रही थी। डीएपी खाद नहीं मिलने से शासन प्रशासन के प्रति निराशा का भाव देखा गया। हालांकि खाद विक्रेता डीएपी की कमी का रोना रो रहे हैं। इस संबंध में बिस्कोमान भवन के मैनेजर अजय ङ्क्षसह ने बताया कि डीएपी खाद बिस्कोमान भवन में काफी दिनों बाद चार हजार बोरी मिली। जबकि आवश्यकता 10 हजार बोरी से कम की नहीं है। यह खाद महज दो दिन में ही खत्म हो गई।