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सासाराम के गोपाल नारायण सिंह विश्विविद्यालय में मशरूम का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मिला प्रशिक्षण

गोपाल नारायण सिंह विश्विविद्यालय का कृषि विज्ञान संकाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के सपनों को साकार करने अपना प्रयास तेज कर दिया है। पूसा के मशरूम उत्पादन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दयाराम के निर्देशन में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

By Prashant KumarEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:14 PM (IST)
सासाराम के गोपाल नारायण सिंह विश्विविद्यालय में मशरूम का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए किसानों को मिला प्रशिक्षण
सासाराम के किसानों को दी गई मशरूम उत्‍पादन की ट्रेनिंग। जागरण आर्काइव।

सासाराम, जेएनएन। जमुहार स्थित भारत के गोपाल नारायण सिंह विश्विविद्यालय का कृषि विज्ञान संकाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के सपनों को साकार करने अपना प्रयास तेज कर दिया है। इसके अंतर्गत शनिवार को राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मशरूम उत्पादन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दयाराम के निर्देशन में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया। मशरूम का व्यवसायिक उत्पादन विषय पर आयोजित कृषक प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करते  विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने कहा की खेती को आज नीच दृष्टि से देखा जा रहा है जो कि अच्छा नहीं है। खेती सबसे उत्तम कार्य है  और खेती को प्रमुखता देते हुए युवाओं का आकर्षण उस और बढ़ना चाहिए। तभी देश खुशहाल होगा एवं बेरोजगारी दूर होगी। उन्होंने कहा कि आज पढ़े लिखे नौजवान नौकरी के चक्कर में परेशान हो रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर व्यावसायिक खेती करने वालों की कमी है।

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पूसा के विशेषज्ञ ने भी किया संबोधित

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की मशरूम उत्पादन इकाई के प्रमुख प्रोफेसर डॉ दयाराम ने रोहतास जिले एवं आसपास के किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि मशरूम का उत्पादन करके किसान बेहतर आय कर सकते हैं। अपना और अपने परिवार को खुशहाल रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अत्यंत कम खर्चे में भारी मुनाफे के लिए मशरूम का उत्पादन बहुत ही आसान है। उन्होंने मशरूम उत्पादन के गुर सिखाते हुए किसानों को इससे कई प्रकार के खाद्य पदार्थों के निर्माण जैसे आचार, पापड़, सब्जी, पकौड़े, मिठाई आदि निर्माण की भी विधियां बताई। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम क्षेत्रफल की भूमि पर भी अगर किसान इसका उत्पादन शुरू करें तो पारंपरिक फसलों से 20 से 25 गुना ज्यादा आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

डाॅ. प्राची सिंह ने किया कार्यक्रम का संचालन

प्रशिक्षण शिविर को कुलपति डॉ एम एल वर्मा, संस्थान के सचिव गोविंद नारायण सिंह ,नारायण कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर यूपी सिंह, वरीय शिक्षक प्रोफेसर के पी सिंह, आयोजन सचिव डॉ प्रशांत बिसेन आदि ने भी संबोधित किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन डॉ प्राची सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन के पी सिंह ने किया। इस अवसर पर क्षेत्र के किसान वीरेंद्र राय एवं महिला कृषक सुनीला सिन्हा ने भी संबोधित किया। कृषि विज्ञान संस्थान के डॉक्टर स्नेहा ,डॉ नम्रता, डॉक्टर हासिम, डॉक्टर संदीप मौर्या, डॉक्टर सक्सेना आशुतोष, नीरज, ज्ञान प्रकाश, प्रबंधन संस्थान के डीन डॉ आलोक कुमार, शिक्षक अभिषेक श्रीवास्तव, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ कुमार आलोक प्रताप आदि उपस्थित रहे।


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