खलिहान में तैयार धान को मजबूर हो सस्ते में बेच रहे भभुआ के किसान, डीएपी को महंगे कीमत पर खरीदना मजबूरी
बाजार में किसानों को धान सस्ते दाम पर बेचने की मजबूरी है। क्योंकि सरकारी दर पर पैक्सों द्वारा धान खरीद अभी प्रारंभ नहीं हुई है। किसानों के समक्ष दूसरी सबसे बड़ी समस्या डीएपी खाद की है। किसान महंगे दरों पर खरीदने को मजबूर हैं।
संवाद सूत्र, नुआंव: सरकार चाहे लाख दावे कर ले लेकिन किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। उनको उसी हाल पर छोड़कर सरकार कागजी घोड़े दौड़ा रही है जबकि धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। जब- जब खेती किसानी का चरम समय आता है, किसानों को कई समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है और बिचौलिए इसका जमकर फायदा उठाते हैं। सरकार भी इन पर नकेल कसने में विफल साबित होती है। अभी वर्तमान समय में किसानों को एक साथ कई समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।
बीसीओ के बयान केवल कागजी ही प्रतीत हो रहे
खरीफ की फसल तैयार है, लेकिन उसका खरीदार कोई नहीं है। बाजार में किसानों को धान सस्ते दाम पर बेचने की मजबूरी है। क्योंकि सरकारी दर पर पैक्सों द्वारा धान खरीद अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। वैसे प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी बजरंग बली गुप्ता से पूछने पर कहा कि धान की खरीद प्रारंभ हो गई है। प्रखंड के दुमदुमा, चंडेश और अवंती पैक्स द्वारा धान की खरीद की जा रही है । अन्य पैक्स में भी किसान अपने धान ले जाकर नमी की जांच करवाकर धान दे सकते हैं। लेकिन बीसीओ के बयान केवल कागजी ही प्रतीत हो रहे हैं। अकोल्ही के किसान पिंटू पांडेय ने कहा कि यहां धान की खरीदारी नहीं हो पा रही है। जबकि वह पैक्स में धान बेचना चाहते हैं।
किसानों के समक्ष दूसरी सबसे बड़ी समस्या डीएपी खाद की
किसानों के समक्ष दूसरी सबसे बड़ी समस्या डीएपी खाद की है। बाजार में इसकी आसानी से सुलभता न होने की वजह से किसान इसे महंगे दरों पर खरीदने को मजबूर हैं। कई किसानों का तो खाद के अभाव में रबी की बोआई प्रभावित हो रही है । बुधवार से रामगढ़ में डीएपी की बिक्री हो रही रही थी। लेकिन मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं हुई । जिसके कारण लोगों को खाद लेने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है।