औरंगाबाद में नीलगाय से आतंकित हैं किसान, खेत में लगी फसलों को बचाने के लिए कर रहे हैं रतजगा
औरंगाबाद के सदर एवं देव प्रखंड में नीलगायों के उपद्रव से किसान परेशान हैं। वे दिन रात एक कर अपनी फसलें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन निडर नीलगाय किसानों पर हमला कर देते हैं। वे सरकार से फसलें बचाने की मांग करते हैं।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। देव एवं सदर प्रखंड के गांवों में नीलगायों से किसान आतंकित हैं। फसल को बचाने के लिए किसान रतजगा कर रहे हैं। अभी खेतों में गेहूं लहलहा रही है। दलहन एवं तेलहन की फसल खेतों में लगी है। लेकिन अच्छी फसल देखकर भी किसान मायूस हैं। क्योंकि नीलगायों का आतंक है। दिन हो या रात ये फसलों को रौंदते रहते हैं। मजबूरी में किसानों को रातभर जागकर खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है।
दिन-रात लाठी लेकर दौड़ने की है मजबूरी
नीलगायों का झुंड फसलों को बर्बाद कर रहा है। ऐसे में किसान दिन में लाठी लेकर नीलगायों के पीछे दौड़ते रहते हैं। देव के बेलसारा गांव के किसान रामानुज सिंह, चांदपुर के पपु कुमार, सदर प्रखंड के नीमा गांव के किसान रामजी कुमार सहित अनेक किसानों ने बताया कि क्षेत्र में नीलगायों की संख्या बढ़ गई है। नीलगायों का झुंड जिस खेत में घुस जाता है, उसकी सारी फसल बर्बाद कर देता है। किसानों ने बताया कि दिन-रात जागकर इन नीलगायों से फसल को बचाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रबी की फसल गेहूं, सरसों सहित अन्य फसलों को नीलगायों की झुंड बर्बाद कर देती है। किसानों ने बताया कि फसल को बचाने के लिए खेतों में पुतला खड़ा रखे हैं लेकिन नीलगायों पर इनका असर भी नहीं पड़ता। किसान हर पल चौकस रहते हैं। बाजवूद ये उसे रौंद देते हैं।
महिलाओं पर कर देते हैं हमला
किसानों ने बताया कि नीलगाय इतने निडर होते हैं कि महिलाओं को देखकर तो भागते ही नहीं बल्कि वे महिलाओं को ही खदेड़ने लगते है। इन्हें भगाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। किसानों ने बताया कि यदि एक-दो लोग हों तो ये हमला कर देते है। किसानों की माने तो नीलगायों का झुंड एकाएक जीटी रोड पर भी आ जाता है। कई बार ये हादसे का कारण बन जाते हैं। किसानों ने प्रशासन व सरकार से मांग की है कि नीलगायों को पकड़वाकर जंगल में छुडवाने के लिए उचित प्रयास किए जाएं ताकि उनकी फसलें बर्बाद न हो। हालांकि डीएफओ ने बताया कि नीलगायों के आतंक से किसानों की फसल को बचाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाये हैं। नीलगायों को पकड़कर नसबंदी करने, उसे जंगल में छोड़ने की योजना बनाई गई है।