अंचल से 35 दिनों में दाखिल-खारिज के मामले का होगा निष्पादन, आपत्ति दर्ज कराने पर लगेंगे 75 दिन
दाखिल-खारिज को लोक सूचना अधिकार के दायरे में लाए जाने के बाद इसे और भी तार्किक बनाने की कवायद की गई है। अब दाखिल खारिज बाद निष्पादन की अवधि 18 दिनों से बढ़ाकर 35 दिन कर दी गई है। वहीं आपत्ति मिलने पर यह अवधि 75 दिन की होगी।
नवादा, जेएनएन। दाखिल-खारिज को लोक सूचना अधिकार के दायरे में लाए जाने के बाद इसे और भी तार्किक बनाने की कवायद की गई है। अब दाखिल खारिज बाद निष्पादन की अवधि 18 दिनों से बढ़ाकर 35 दिन कर दी गई है। वहीं आपत्ति मिलने पर यह अवधि 60 से बढ़ाकर 75 दिनों कर दी गई है। राजस्व कर्मचारी से लेकर अंचलधिकारी तक को भी काम निपटाने के लिए निश्चित कार्य दिवस में बांधा गया है।
तीन दिनों के भीतर आवेदक को एसएमएस से दी जाएगी सूचना
ऑनलाइन दाखिल खारिज का वाद तीन कार्य दिवस के अंदर खोला जाएगा तथा इसकी सूचना आवेदक को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। तीन कार्य दिवस के अंदर ही अंचल स्तर पर गठित केद्रीकृत प्रणाली द्वारा आवेदन के साथ संलग्न कागजातों के सही पाए जाने पर अपनी अनुशंसा आवेदन पत्र पर अंकित कर अंचलाधिकारी को समर्पित करेंगे। अंचलधिकारी द्वारा राजस्व कर्मचारी को संबंधित दाखिल-खारिज कागजात जांच के लिए हस्तांतरित किया जाएगा। सात कार्य दिवस के अंदर राजस्व कर्मचारी अपने मंतव्य के साथ अंचल निरीक्षक के समक्ष अभिलेख भेजेंगे। अंचल निरीक्षक को भी तीन दिनों में मंतव्य देना होगा।
तीन दिनों के अंदर सीओ को करना होगा निष्पादित
अंचल निरीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर अंचल अधिकारी को तीन कार्य दिवस के भीतर वाद का निष्पादन के लिए आम एवं खास को नोटिस निर्गत करेंगे। ऐसा नहीं करने पर यह स्वत: जेनरेट होकर कंप्यूटर ऑपरेटर के लिंक में प्रिंट के लिए चला जाएगा। जिसे अंचल अधिकारी का स्वीकार योग हस्ताक्षर समझा जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
रजौली के एसडीओ चंद्रशेखर ने कहा कि बिहार भूमि दाखिल- खारिज नियमावली 2012 में संशोधन किया गया है। संशोधन के उपरांत अब दाखिल-खारिज अवधि 35 एवं 75 कार्यदिवस निर्धारित की गई है। साथ ही राजस्व कर्मचारी से लेकर अंचल अधिकारी तक को निर्धारित अवधि के दायरे में बांधा गया है।