बादिल बिगहा गाव पहुंचने के लिए आज भी पक्की सड़क नहीं
फोटो- 30 से 41 -40 वर्षो से नहीं हुई सफनी पइन की सफाई आहर व पइन का नहीं हो सका जीर्णोद्धार ---------- -125 एकड़ भूभाग वाले गाव के लोग पूरी तरह से कृषि पर निर्भर -1000 है गाव की आबादी -130 घरों में 500 से अधिक मतदाता ------ अनदेखी -स्वास्थ्य पेयजल और नाली की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण -घरों में शौचालय बना लिए पर नहीं मिली प्रोत्साहन राशि ---------- संवाद सूत्र टनकुप्पा
गया । प्रखंड मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर उत्तर और दक्षिण के कोण पर अवस्थित है बादिल बिगहा गाव। 125 एकड़ भूभाग वाले इस गाव के लोग पूरी तरह से कृषि कार्य पर निर्भर हैं। कभी सफनी पइन की बदौलत यहा के किसान घर भर धान, गेहूं व अन्य फसल उपजा लिया करते थे। इधर, करीब 40 वर्षो से इस पइन की सफाई नहीं हुई है। इसकी वजह से लगभग दो दर्जन गावों में मजेदार खेती नहीं हो पा रही है। आहर, पइन आदि का जीर्णोद्धार नहीं होने से सिंचाई के साधन नहीं रह गए। सिंचाई के लिए लगे सोलर प्लांट अब किसी काम का नहीं रहा। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, जलापूर्ति, विकास व लाभकारी योजनाओं से वंचित लोग अपनी बदहाली का रोना रोते हैं। हां, ये सुखद है यहां के ग्रामीणों के लिए कि आजादी के बाद गांव तक पक्की सड़क बन रही है।
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बोरिग हुई पर पानी
टंकी नहीं लगी
गाव में नाली नहीं बनी है। गंदे पानी का जमाव पइन में हो रहा है। गाव की सड़क पर गंदगी के ढेर हैं। पूर्व में बनी पीसीसी सड़क जर्जर हो गई है। सात निश्चय योजना के तहत बोरिंग कराई गई पर पानी की टंकी अब तक नहीं लगी। 400 मीटर पैवर ब्लॉक से सड़क का निर्माण वार्ड सदस्य ने कराया है। नाली का निर्माण कराया जा रहा था पर कुछ लोगों ने कार्य पर रोक लगा दिया।
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पेड़ के नीचे चलता स्वास्थ्य केंद्र
गाव में एक अतिरिक्त प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र है, परंतु भवन जर्जर है। एएनएम पेड़ की छांव में बैठकर लोगों को दवा आदि देती हैं। एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय है। प्रतिदिन खुलते हैं, पर सभी शिक्षक प्रतिदिन नहीं आते। गाव के नाम से आवंटित आगनबाड़ी केंद्र दूसरे गांव मुड़ाचक में संचालित हो रहा है। इस गांव से मुड़ाचक की दूरी दो किलोमीटर है। लोगों ने कई बार गांव में इसे संचालित कराने की गुहार लगाई पर ये नहीं सका।
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छह घंटे आपूर्ति
की जाती है बिजली
बिजली की समस्या भी गंभीर है। महज चार से छह घटे ही बिजली आपूर्ति की जाती है। कई लोगों को कनेक्शन नहीं दिया गया। जिन्हें दिया गया, उसमें कुछ लोगों के घरों में मीटर नहीं लगाए गए। आजादी के बाद विधायक की सहयोग से गाव तक आने जाने के लिए पक्की सड़क बन रही है।
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कई लोगों को योजना
का लाभ नहीं मिला
गाव में वैसे बीस वृद्ध हैं, जिन्हें गत वर्ष से पेंशन नहीं मिल रहा है। 35 लोग वैसे हैं, जिन्हें अरसे से पेंशन मिल रहा था पर इधर पांच वर्षो से नहीं मिल रहा। भोला साव, सुमित्रा देवी, बुधन साव, रामविलास शर्मा, शाति देवी, पियरीया देवी, मगही यादव, रामधनी यादव, मुनेश्वरी देवी, सरस्वती देवी आदि बताती हैं, कई बार वृद्धा पेंशन के लिए फार्म भरकर दिए, लेकिन इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। सरस्वती देवी, रामविलास शर्मा, भोला साव, लखन माझी आदि ने बताया 60 प्रतिशत लोग अपने अपने घरों में शौचालय बना लिए, पर प्रोत्साहन राशि नहीं मिली।
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गांव के गौरव
अनुसूचित जाति से आने वाली बेटे बेटियां गाव के गौरव हैं। चार बेटिया पीजी की पढ़ाई कीं। सोनी कुमारी पुलिस बनीं। सुषमा कुमारी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहीं। लखन माझी एमए की पढाई कीं। नंदलाल माझी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर समाज सेवा में लगे हैं। चार युवक बी.टेक की पढ़ाई कर रहे हैं। सात युवक पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रहे हैं। गांव के लगभग बच्चे मैट्रिक और इंटर तक की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। कई युवा सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे हैं। गाव का साक्षरता दर 85 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति से आने वाले दो दर्जन लोग बीसीसीएल में कार्यरत हैं। लड़कों से ज्यादा गाव की लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल हैं।
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सोलर प्लाट शोभा की वस्तु
जिले का पहला सोलर पावर प्लाट प्राण एनजीओ द्वारा इसी गांव में लगा। पूर्व जिलाधिकारी कुमार रवि ने 2014 में इसका उद्धाटन किया। गाव में बिजली नहीं थी। योजना के तहत लगभग 100 घरों को बिजली के साथ सोलर बल्ब, लालटेन, एक पंखा चलाने भर पावर दिया गया। इसके अलावा सिंचाई के लिए बहुआयामी योजना सोलर प्लाट द्वारा लगाई गई। संचालन का जिम्मा जीविका को दिया गया। आज सोलर प्लांट शोभा की वस्तु बनी है, जिसे देखने सुनने वाला कोई नहीं है। उपकरण बर्बाद हो रहे हैं।
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टनकुप्पा स्टेशन से सटे जिवनबिगहा गाव के पास रेल ओवरब्रिज नहीं बनने के कारण क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन खतरों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन घटना होती रहती है। कई लोगों की जान भी जा चुकी है। क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय, अस्पताल, बैंक, थाना, डाकघर, स्कूल आदि जाने के लिए रेल पटरी को पार करना मजबूरी है। रेल ओवरब्रिज बनना बहुत जरूरी है।
नंदलाल माझी
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अनुसूचित जाति के लोगों के मोहल्ले में विकास के कार्य नहीं हुए। नाली और सड़क नहीं बनी। गंदा पानी गांव के आसपास की जमा रहता है। डीडीटी का छिड़काव नहीं किए जाने से मच्छर का प्रकोप बढ़ा हुआ है।
टेकनारायण मांझी
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गाव की खेती आहर और पइन पर टिकी है। सरकार यदि डीप बोरबेल की सुविधा दे देती है तो खेती करना आसान होगा। गाव के लोगों का मुख्य पेशा खेती और कृषि कार्य ही है। आजादी के बाद गाव को मुख्य सड़क से जोड़ने का काम विधायक कर रहे हैं।
विजय यादव
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गाव में 24 घटे में मात्र छह घटे ही बिजली दी जाती है। वो भी कुछ घंटों के अंतराल पर। गाव में एक ही ट्रासफॉर्मर है। जिस पर अधिक लोड रहने के कारण आए दिन खराब होते रहता है।
भोला साव
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उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर है। नए भवन की आवश्यकता है। एएनएम सप्ताह में एक बार आती है। वो भी पेड़ के नीचे बैठकर काम कर चली जाती हैं। ग्रामीण चिकित्सक का सहारे लोग रहते हैं। विभाग को चाहिए एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करना।
रामविलास शर्मा
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कई महिलाओं ने कर्ज लेकर शौचालय बना लिया, लेकिन ओडीएफ का शोर मचाने वाले पदाधिकारी दो साल से राशि के लिए दौड़ा रहे हैं। कुछ लोग नाजायज पैसे की माग करते हैं। जल्द पैसा नहीं मिला तो प्रखंड मुख्यालय का घेराव किया जाएगा।
सरस्वती देवी
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उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं रहने के कारण गांव के लड़के व लड़कियों को लंबी दूरी तय कर टनकुप्पा पढ़ने को जाना पड़ता है। गांव के मध्य विद्यालय को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित कर दिया जाए तो यह समस्या दूर हो जाएगी।
प्रेम कुमार
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गाव के विकास के लिए हरसंभव प्रयास जारी है। नल जल योजना और पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है। आगे भी विकास योजना के तहत नली और नाली का निर्माण कराया जाएगा।
नंददेव शर्मा, वार्ड सदस्य
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प्रस्तुति : हिमांशु कुमार गौतम
मोबाइल नंबर : 9631325687