मेहंदी का रंग भी नहीं पड़ा फीका और धुल गया मांग का सिंदूर, कैसे हो गई आरती के पति की मौत, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
एक महीने पहले आरती की शादी हुई थी। उसके हाथों पर लगी मेहंदी का रंग सूखा भी नहीं था। पैरों के नाखून पर आल्ता का रंग जस के तस है मगर मांग का सिंदूर मिट गया और अब ये हाल है...
संवाद सूत्र, वारिसलीगंज (नवादा)। वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के मकनपुर ग्रामीण स्व महेंद्र यादव का 20 बर्षीय पुत्र छोटे उर्फ राजीव रंजन की मौत मंगलवार की देर शाम करंट लगने से हो गई। युवक अपने घर में टीवी ठीक कर रहा था। इस दौरान गलती से विद्युत प्रवाहित तार का प्लास्टिक छिलने के लिए मुहं में ले लिया।
बाद में आनन फानन में स्वजनों द्वारा वारिसलीगंज पीएचसी ले जाया गया, जहां देखते ही चिकित्सक ने मृत करार दिया। इससे पूर्व हाल के बर्षो में मृतक के पिता स्व महेंद्र यादव की मौत पेट जनित बीमारी के दौरान हो चुकी है। मृत युवक की शादी पिछले 21 मई 21 को जमुई जिले के हिलसा गांव में आरती कुमारी के साथ हुई थी। अभी मृतक के हाथ पॉव के नाखून का रंग भी नहीं छूट पाया था। इतने में ईश्वर ने उसके प्राण हरण कर लिया।
युवक के चाचा सह कॉमनिष्ट नेता सुभाष यादव ने बताया कि मेरा भतीजा छोटे शाम को टीवी ठीक करने के दौरान मुंह से तार छिल रहा था। उसे याद नहीं रहा की तार में विधुत प्रवाह जारी है। फलतः मुहं में तार लेते ही करंट लग गई। युवक धड़ाम से जमीन पर गिर गया। कमरे में जोरदार आवाज सुनकर छोटे की मां एवं बहने जब रूम में पहुंची तब भाई को जमीन पर अचेत पड़ा देख शोर मचाने लगी। तबतक आसपास के लोग इकट्ठा होकर इलाज के लिए वारिसलीगंज पीएचसी ले गए। जहां चिकित्सक देखते ही मृत करार दिया।
बताया गया कि युवक राजीव रंजन उर्फ छोटे के पिता 40 बर्षीय महेंद्र यादव का असामयिक निधन चार बर्ष पूर्व अचानक पेट दर्द के दौरान हो गई थी। तब से मृतक अपने बड़े भाई के साथ मिलकर कम उम्र में ही कमाई शुरू किया था। फलतः इसी बर्ष मई माह में मृतक राजीव एवं उसकी एक बहन की शादी हुई थी। लेकिन ईश्वर को उसके अच्छे दिन रास नहीं आया, और टीवी ठीक करने के दौरान करंट से काल के गाल में समा गया।
लोग बताते हैं कि मृतक काफी हसमुख एवं फुर्तीला लड़का था। तीन बहने एवं दो भाइयों में तीसरे नम्बर पर था। घटना के बाद शव के पास युवक के परिजन व कुटुंब के द्वारा दहाड़ मार कर रोने से शव के पास रहे हर व्यक्ति की आंखे नम हो रही थी। मां बहनों की चीत्कार से टोले का बातावरण अत्यंत कारुणिक हो रहा था। घटना की खबर बाद शव का एक झलक देखने को उसके घर पर भीड़ लग गई।