नामाकन कराने में करना पड़ रहा कठिनाइयों का सामना
शेरघाटी। शेरघाटी अनुमंडल के अंतर्गत इंटरमीडिएट कला एवं विज्ञान में नामाकन कराने के लिए छात्र-
शेरघाटी। शेरघाटी अनुमंडल के अंतर्गत इंटरमीडिएट कला एवं विज्ञान में नामाकन कराने के लिए छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन आवेदन के आधार पर छात्र छात्राओं को आवंटित स्कूल कालेज ने नामाकन लेने की प्रक्रिया का समय अवधि एक सप्ताह रहने के कारण जहा लोगों के समक्ष समय की कमी हो रही है। वहीं कॉलेज चयन में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्र-छात्राएं परेशान हैं।
बुधवार को मुख्यालय के कई इंटर स्कूल और कॉलेज में नामाकन के लिए पहुंचे छात्र छात्राओं ने अपनी दर्द बया करते हुए बताया कि हम लोगों के समक्ष सरकार की इस नीति से पढ़ाई चुनौती बन गई है। शेरघाटी के समोद बीघा की छात्रा पूजा कुमारी बताती है कि हमारा नामाकन शेरघाटी के किसी स्कूल में होता तो हम क्लास आसानी से कर सकते थे। हम गरीब घर की बेटी हैं। 2 से 3 किलोमीटर के सीमा क्षेत्र में किसी भी स्कूल कॉलेज में घर का खाना खाकर अपना क्लास करके पढ़ाई पूरा कर लेते हैं। परंतु नई व्यवस्था के तहत हमारा नामाकन आवंटित उत्क्रमित स्कूल सीमारू गुरुआ में दे दिया गया है। विवश होकर हमें गुरुआ में नामाकन लेना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में हम वहा किस प्रकार क्लास कर पाएंगे। डेरा का खर्च अभिभावक उठा नहीं पाएंगे। अकेली इतनी दूर जा नहीं सकती। ऐसे में पढ़ाई से दूर किया जा रहा है। इसी प्रकार इमामगंज प्रखंड के बारा गाव के नेहा कुमारी बताती है कि हमारा नामाकन इमामगंज स्थित संजय गाधी महाविद्यालय या प्रोजेक्ट कन्या इंटर स्कूल लेना था। परंतु नई व्यवस्था के तहत हमारा आवंटित कालेज एसमेसजी शेरघाटी मिल गया है। इस तरह लगभग 32 किलोमीटर दूर हमें शेरघाटी में नामाकन लेना पड़ रहा है। ऐसे में पढ़ाई हमारे लिए चुनौती बन गया है। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि हमारी पढ़ाई कैसे पूरी होगी। इसी प्रकार एक नहीं दर्जनों ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जिनका आवंटित कालेज दूर के प्रखंड में चला गया है। ऐसे छात्र छात्राओं का कहना है कि नई व्यवस्था से हम लोगों को नामाकन में काफी परेशानी हो रही है। क्लास नहीं करने की स्थिति में भविष्य अंधकारमय होगा।