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बिहार में वैज्ञानिक जांच से दोषियों को सजा दिलाने का प्रयास तेज, डेहरी में खुलेगा फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी

फोरेंसिंक साइंस लैब का क्षेत्रीय कार्यालय जो पूरे शाहाबाद प्रक्षेत्र के लिए होगा। जहां रोहतास कैमूर बक्सर व भोजपुर थाना से जुड़े सैंपल की जांच की जाएगी। कार्यालय का प्रमुख निदेशक होंगे। इसके लिए उनके पद का सृजन भी किया गया है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 05:43 PM (IST)
डेहरी में खुल रही फोरेंसिक साइंस लैब की शाखा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, सासाराम। शाहाबाद के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। घटनाओं से जुड़ी किसी भी सैंपल (बिसरा) जांच को ले लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने शाहाबाद प्रक्षेत्र के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) का क्षेत्रीय कार्यालय डेहरी में खोलने की अनुमति दे दो दर्जन अधिकारियों व कर्मियों के पद को सृजित कर दी है। गृह विभाग के निर्देश पर डेहरी मुफस्सिल थाना के समीप पहलेजा में भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव भी भेज दिया गया है।

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विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिंक साइंस लैब) का क्षेत्रीय कार्यालय जो पूरे शाहाबाद प्रक्षेत्र के लिए होगा। जहां रोहतास, कैमूर, बक्सर व भोजपुर थाना से जुड़े सैंपल की जांच की जाएगी। कार्यालय का प्रमुख निदेशक होंगे। इसके लिए उनके पद का सृजन भी किया गया है। निदेश के अलावा एक उप निदेशक, तीन सहायक निदेशक, छह वरीय वैज्ञानिक सहायक,एक अपर डिविजन क्लर्क, दो निम्न श्रेणी लिपिक, दो चालक, आधा दर्जन विभिन्न कार्यों के लिए परिचारी की नियुक्ति की जाएगी। भवन निर्माण का कार्य बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा किया जाएगा।

आपराधिक घटनाओं के निष्पादन में होगी सहूलियत

जिले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के क्षेत्रीय कार्यालय के कार्यालय खुल जाने के बाद विशेषकर आपराधिक घटनाओं की गुत्थी त्वरित गति से सुलझाने में पुलिस अधिकारियों को सहूलियत होगी। वहीं सत्र न्यायालयों में लंबित मामलों के निष्पादन में भी अनावश्यक विलंब नहीं होगा। अबतक जिले में घटित अपराध की घटनाएं होने पर ज्यादातर मामले में फोरेंसिक जांच नहीं हो पाती है।

अभी तक वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाने यानी कि अपराधियों के फिंगर प्रिंट का नमूना लेकर जांच की व्यवस्था जिले में नहीं है। लिहाजा, पुलिस को अपराधियों के फिंगर प्रिंट का नमूना उठाने व जांच कराने के लिए पटना या अन्य दूसरे जिले में खुले एफएसएल की ओर टकटकी लगानी पड़ती है। इन जगहों से टीम को आने में काफी समय लगता है। इससे फिंगर प्रिंट की क्वालिटी प्रभावित होने का खतरा बना रहता है। इसका लाभ अपराधियों को मिलना तय माना जाता है।

समय की होगी बचत

शाहाबाद रेंज के रोहतास के अलावा भोजपुर, बक्सर व कैमूर जिले से जुड़ी बड़े आपराधिक घटनाओं के सैंपल की जांच होगी। फिलहाल किसी भी आपराधिक घटना से संबंधित एकत्रित होने वाले सैंपल जांच के लिए इन चार जिलों से जुड़े पुलिस अधिकारियों को पटना या अन्य जिलों में कार्यरत फोरेंसिक लैब पर निर्भर रहना पड़ता है।

पुलिस अधिकारियों की माने तो एफएसएल के रिजनल कार्यालय खुलने के बाद मुकदमों के जांच अधिकारी को जांच कार्य में वैज्ञानिक सहायता प्रदान होगी। उन्हें शीघ्र अपराध स्थल से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करने, उसकी उचित पैकिंग, सील करने और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने में मदद होगी।

कहते हैं अधिकारी

रोहतास के एसपी आशीष भारती ने बताया कि डेहरी में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के क्षेत्रीय कार्यालय खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है। विभागीय निर्देश के आलोक में पहलेजा स्थित डेहरी मुफस्सिल थाना के बगल में खाली पड़ी सरकारी जमीन को चिन्हित कर प्रस्ताव भेज दिया गया है।

एफएसएल के लिए सृजत पद

पदनाम                                     संख्या

  • निदेशक                                     01
  • उप निदेशक                               01
  • उप निदेशक                               03
  • वरीय वैज्ञानिक सहायक                06
  • यूडीसी                                      01
  • एलडीसी                                    02
  • ड्राइवर                                      02
  • कार्यालय परिचारी                        01
  • परिचारी प्रयोगशाला वाहक            03
  • परिचारी विसरा कर्तक                  02

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