मैट्रिक-इंटर परीक्षा की तैयारी में जुटा शिक्षा विभाग, रोहतास के निजी स्कूलों से भी लिया गया सहमति-पत्र
पिछले साल कोरोना के कारण सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद कर दी गई थी। इस वर्ष दसवीं की परीक्षा देर से हुई। संक्रमण काल के दौर में सबसे अधिक शिक्षा जगत पर प्रभाव पड़ा। ऑनलाइन के माध्यम से अब तक पढ़ाई चल रही है।
जागरण संवाददाता, सासाराम। अगले वर्ष होने वाली मैट्रिक व इंटर बोर्ड की परीक्षा की तैयारी में शिक्षा विभाग जुट गया है। परीक्षा में बनाए जाने वाले परीक्षा केंद्रों की संभावित सूची अभी से ही तैयार की जाने लगी है। इसके लिए निजी विद्यालयों से सहमति पत्र लिया जा रहा है, जिससे कि परीक्षा केंद्र तय होने के बाद संचालकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। वीक्षण व मूल्यांकन कार्य में लगने वाले शिक्षकों की विद्यालयवार मांगी गई है ताकि परीक्षा के दौरान केंद्रों पर उनकी प्रतिनियुक्ति की जा सके।
परीक्षा में जहां ढ़ाई से तीन हजार शिक्षकों को वीक्षण कार्य में लगाया जाएगा, वहीं उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी लगभग इतनी संख्या में शिक्षक लगाए जाएंगे। प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों को भी मूल्यांकन के दौरान एमपीपी के रूप में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। डीईओ संजीव कुमार ने छह प्रखंड के बीईओ को पत्र भेज कंप्यूटर के जानकार शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है ताकि मार्क्स पोस्टिंग के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सके। एमपीपी के रूप में 17 सौ शिक्षक लगाने का लक्ष्य रखा गया है। डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि अगले वर्ष होने वाली मैट्रिक व इंटर बोर्ड की परीक्षा व उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य को ले शिक्षकों की सूची प्रखंडवार मांगी गई है।
मालूम हो कि पिछले साल कोरोना के कारण सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद कर दी गई थी। इस वर्ष दसवीं की परीक्षा देर से हुई। संक्रमण काल के दौर में सबसे अधिक शिक्षा जगत पर प्रभाव पड़ा। ऑनलाइन के माध्यम से अब तक पढ़ाई चल रही है। स्कूलों में भी 50 फीसद छात्र-छात्राओं को आने की अनुमति दी गई है। अब जब हालात बहुत हद तक सामान्य हो रहे हैं, तब बिहार शिक्षा विभाग ने परीक्षा को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना की गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करते हुए मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कराने की बात कही जा रही है।