खातों से निकल गई खून-पसीने की कमाई, आसू पोछने वाला कोई नहीं
-किसी ने बेटी की शादी के लिए तो कोई बचों का भविष्य संवारने के लिए बाराचट्टी की पीएनबी शाखा में जमा की थी राशि ----------- -पीएनबी शाखा में एक करोड़ से ज्यादा का हुआ फर्जीवाड़ा -दर्ज कांड के आरोपितों के विरुद्ध अब तक नहीं हुई कार्रवाई ----------- -24 ग्राहक हुए फर्जीवाड़े के शिकार -03 महीने बाद भी भटक रहे लोग -------
अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी (गया)
किसी ने बेटी की शादी के लिए तो कोई बच्चों का भविष्य संवारने के लिए रुपये जमा किए थे। उन्हें नहीं पता था कि उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई फर्जीवाड़े कर निकाल ली जाएगी। जब पता चला तो पैरों तले जमीन खिसक गई। अब उनके आसू पोछने वाला कोई नहीं है। ऐसे में आक्रोश तो स्वाभाविक है।
पंजाब नेशनल बैंक की बाराचट्टी शाखा में तीन महीने पहले कई ग्राहकों के खाते से एक करोड़ अधिक की राशि फर्जी तरीके से निकासी कर ली गई। इसकी जानकारी जब ग्राहकों को मिली तो वे आग बबूला हो गए। हंगामे के बाद बैंक की भी नींद खुली और जांच शुरू हुई। पुलिस ने भी मामला दर्ज किया। ग्राहकों को बैंक के अधिकारियों ने शीघ्र जांच पूरी कर रुपये लौटाने की बात कही। अब तीन महीने बीतने के बाद जब पीड़ित ग्राहकों को हस्ताक्षर मिलान व अन्य प्रक्रिया के नाम परेशान किया जा रहा है। ऐसे में फर्जीवाड़े के शिकार ग्राहकों का कहना है कि एक तो हमारा पैसा गया और उपर से अपना पैसा लेने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। तीन माह बाद भी जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। हर दिन एक बहाना बना हमें परेशान किया जा रहा है। हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में हमारे पास प्रदर्शन के सिवाय कोई चारा भी नहीं बचता।
----------
राशि नहीं लौटी तो टूटा सब्र
कानून अपना काम कर रही है पर सीधे सादे ग्राहक सिर्फ यही चाह रहे हैं कि उनके पैसे बैंक से गए हैं तो उन्हें बैंक लाकर कहीं से दे। जब बैंक पदाधिकारियों से मिल रहे आश्वासन के बाद भी राशि नहीं मिली तो ग्राहकों ने कानून को अपने हाथ में ले लिया। ऐसा करना इनकी मजबूरी भी थी। सोमवार को पैसे की मांग को लेकर बैंक के समक्ष प्रदर्शन करने पहुंचे पीड़ित ग्राहकों का सब्र का बांध टूट गया, और बैंक के कैशियर को अपने घेरे में लेकर उनके कपड़े उतरवा दिए। जूतों का माला पहनाकर सरेआम बाजार में घुमाने लगे। हालांकि यह गलत है। इसमें कैशियर की क्या गलती है?
------------
लोगों के आक्रोश के
आगे लाचार थी पुलिस
लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस भी इस मामले में बीचबचाव करना उचित नहीं समझी। सुन देखकर चुप्पी लगाना ही बेहतर समझी। फर्जीवाड़े के मामले में दर्ज कांड के अनुसंधान को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है। कांड के आरोपितों के विरुद्ध कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे बैंक के आम ग्राहकों को यह विश्वास हो कि पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है।
--
चंदन आज भी पुलिस
की गिरफ्त से बाहर
आरोपितों में बैंक कर्मियों के अलावा एक बाराचट्टी का ही रहने वाला चंदन आज भी पुलिस की नजरों से ओझल है। चंदन बाराचट्टी के पीएनबी शाखा का निजी कर्मी बताया जाता है। जो बैंक में लेनदेन करने आने वाले ग्राहकों से कागजी प्रक्रियाओं को पूरा कराता था। जिसे बैंक के कुछ स्टाफ खुली छूट दे रखे थे। पुलिस की इसी शिथिलता और बैंक की अपनी जांच प्रक्रिया से ऊब चुके ग्राहकों ने सोमवार को कैशियर को अपमानित किया। यदि पुलिस और बैंक अपना काम समय से पूरा कर लोगों के गए रुपये लौटा दिए होते तो ऐसा नहीं होता।
----
हर बार रटा-रटाया जवाब
प्रखंड मुख्यालय के सटे पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से फर्जी निकासी की शिकायत करने वाले ग्राहकों की संख्या 24 है। ये सभी अपनी राशि शाखा प्रबंधक से मांग रहे हैं। बैंक कर्मचारी ग्राहकों को यह कह कर बैंक से लौटा देते हैं कि बैंक के सर्किल हेड के स्तर से राशि लौटाए जाने पर ही उनकी राशि उनके खाते में लौटेगी। जांच चल रही है। ये बात तीन महीने पहले भी कही गई थी और आज भी ग्राहकों से यही कहा जा रहा है।
---
दूध बेचकर बेटी की शादी के
लिए जमा कराए थे रुपये
पदुमचक गांव के कारू यादव कहते हैं कि दूध बेचकर बेटी की शादी के लिए लाख रुपये जमा किए थे। चंदन को बैंक का कर्मचारी समझते थे। बैंक में उसका रूतबा किसी अधिकारी से कम नहीं समझते थे। वही पैसा जमा लेता था और निकाल कर भी देता था। बेटी की शादी को लेकर जब पैसे की जरूरत पड़ी तो तीन महीने पहले बैंक में आए। अपने खाते की जांच कराई तो पता चला कि एक रुपया नहीं है। अन्य 23 ग्राहकों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। स्थिति ऐसी है कि कई अभिभावकों ने रुपयों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई छुड़वा घर में बैठा दिया। उनके पास कोई और चारा भी तो नहीं है।
--
पुलिस और बैंक पर से
उठने लगा भरोसा
फर्जीवाड़े के शिकार हुए ग्राहक रामचंद्र प्रसाद केशरी, इंदु देवी, शांति देवी, चिंता देवी, अजय प्रसाद केशरी कहते हैं, बाराचट्टी थाने में केस दर्ज कराया कि कुछ कार्रवाई होगी। दर्ज कांड में बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, बैंक कर्मियों के अलावा बैंक का निजी स्टाफ चंदन भी आरोपित है। पुलिस अब तक कुछ नहीं कर सकी है। जब थाने पर जाते हैं तो पुलिस कहती है जाच चल रही है। जाच में क्या हुआ पूछने पर पुलिस गुस्सा करती है। पीड़ित ग्राहक अजय प्रसाद कहते हैं उनकी समस्या के प्रति न तो पुलिस और बैंक के अधिकारी गंभीर हैं। सब अपने अपने काम में शिथिलता बरत रहे हैं। लोगों के करोड़ से उपर की राशि अबतक नहीं लौटी है।
----------
पुलिस भी पल्ला झाड़ने
जैसी करती है बात
कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी जिस अवर निरीक्षक मुन्ना कुमार को दी गई थी वे अभी धनगांई थाने की कमान संभाले हैं। मुन्ना कुमार यहां से जब धनगांई थाना गए तो अनुसंधान की जिम्मेदारी तत्कालीन थानाध्यक्ष के पास रह गई। अब बाराचट्टी थाने के अवर निरीक्षक कृष्ण कुमार कहते हैं कि इस कांड की फाइल धर्मेद्र कुमार को सौंपी गई थी। जो विभागीय कार्रवाई के तहत निलंबित हैं। इस वजह से इस मामले में क्या हो रहा है कुछ स्पष्ट नहीं कह सकते हैं।
---------------
हस्ताक्षर में मिलाने करने में देरी के कारण पंजाब नेशनल बैंक की बाराचट्टी शाखा में ग्राहकों द्वारा हंगामा किया गया। हस्ताक्षर मिलान में तेजी लाने के लिए मंडल कार्यालय से दो पदाधिकारियों को मंगलवार को शाखा में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के खातों से फर्जीवाड़े कर निकाली गई राशि शीघ्र लौटाई जाएगी। ग्राहक द्वारा बैंक में रुपये जमा करने बाद उसकी सुरक्षा जिम्मेदारी बैंक की होती है। ऐसे में फर्जीवाड़े के शिकार सभी ग्राहकों के रुपये लौटाए जाएंगे।
आर महालिंगन, मंडल प्रमुख पीएनबी
----------
क्या है मामला
-19 अप्रैल 2019 को बुमेर की लालमुनी देवी के एफडी को तोड़कर फर्जी निकासी का मामला उजागर हुआ
-28 अप्रैल को दिव्याग दंपती रामचंद्र केसरी एवं चिंता देवी के खाते से लाख रुपये से उपर की निकासी का मामला सामने आया
-29 अप्रैल तक फर्जीवाड़े की राशि का आंकड़ा 15.58 लाख तक पहुंच गया
-1 मई को यह आंकड़ा 50 लाख के पार हो गया
-इसके बाद फर्जीवाड़े के शिकार बैंक के कुछ ग्राहकों ने बैंक के निजी स्टाफ चंदन और तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित तीन बैंक कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया
-2 मई को पीएनबी के सर्किल हेड पहुंचे बैंक शाखा पहुंचे। शाखा प्रबंधक के साथ चार बैंककर्मियों को निलंबित कर दिया गया। तब तक फर्जीवाड़ा की राशि 65 लाख पार कर गया था
-5 मई को प्राइवेट बैंक कर्मी चंदन एवं अज्ञात के विरुद्ध शाखा प्रबंधक राजेश कुमार चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई।
-10 मई को पुलिस बैंक पहुंची और मामले की जाच शुरू की।
-11 मई को तत्कालीन सिटी एसपी बैंक पहुंचे। मामले की जाच करते हुए बैंककर्मियों से पूछताछ करते हुए गबन के मामले में जानकारी जुटाई। इसी दिन चंदन के बैंक शाखा से कुछ दूरी पर रहे घर पर पुलिस ने छापेमारी की, जो फरार था।
-5 अगस्त को फर्जीवाड़े के शिकार ग्राहकों ने बैंक के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए बैंक का कामकाज ठप कर दिया। कैशियर को अपने घेरे में लेते हुए जूतों का माला पहनाकर बाजार में घुमाया।