पशुओं की ईयर टैगिंग जोरों पर, पंजीकृत मवेशियों के स्वामी को ही मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
प्रखंड क्षेत्र में पशुपालन विभाग के तहत इयर टैगिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है। अब तक दावथ एवं सूर्यपुरा प्रखंड में लगभग 17 हजार पशुओं को इयर टैगिंग का कार्य किया जा चुका है। हालांकि कुछ पशुपालक इयर टैगिंग को उचित नहीं समझ रहे हैं।
संवाद सूत्र, दावथ (सासाराम)। प्रखंड क्षेत्र में पशुपालन विभाग के तहत इयर टैगिंग का कार्य जोरों पर चल रहा है। अब तक दावथ एवं सूर्यपुरा प्रखंड में लगभग 17 हजार पशुओं को इयर टैगिंग का कार्य किया जा चुका है। हालांकि कुछ पशुपालक इयर टैगिंग को उचित नहीं समझ रहे हैं। जिन्हें पशुपालन विभाग के कर्मी इसके लाभ के बारे में जानकारी दे इयर टैगिंग के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।
पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ: अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि दावथ प्रखंड में गणना के हिसाब से लगभग 19613 हजार तथा सूर्यपुरा प्रखंड में 13165 हजार पशुओं की संख्या है। जिसमें दावथ में 11500 व सूर्यपुरा में 5500 हजार पशुओं को इयर टैगिंग की जा चुकी है। सरकार द्वारा सभी पशुओं को इयर टैगिंग को जरूरी किया गया है। इसे मुफ्त में पशुपालन विभाग द्वारा लगाया जा रहा है। इसके बाद इयर टैगिंग पशुओं का हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे। पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से विभिन्न योजनाओं का लाभ इयर टैग पंजीकृत पशुओं को देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
टैगिंग पशुओं को चोरी होने की स्थिति में पता लगाया भी आसान हो जाएगा। यह टीकाकरण, बीमा, ऑनलाइन खरीद बिक्री, दवा देने, नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान, चरणबद्ध ऑनलाइन प्रगति, पशु वंशावली में भी सहयोगी होगा। वहीं हाट बाजार में बिना टैगिंग पशुओं को खरीद बिक्री नहीं हो सकती है। आने वाले समय में इयर टैगिंग पूर्णरूप से अनिवार्य कर दिया जाएगा। टैगिंग से पशुपालकों व पशुपालन विभाग की जबाबदेरी हो जाएगी। अब सरकार लोगों की आमदनी बढ़ाने, शुद्ध दूध को लेकर प्रयासरत है। जिसमें पशुपालकों का सहयोग जरूरी है। सरकार इस योजना से पशुपालन के क्षेत्र में नई क्रांति लाने की पहल कर रही है। लोगों का कहना है कि सरकार के इस कार्यक्रम से पशुपालकों को न केवल पशुपालन कार्य के लिए बढ़ावा मिलेगा बल्कि पशुओं के साथ किसी अनहोनी होने पर उन्हें आर्थिक नुक़सान से भी निजात मिलेगा।