युवाओं में दिखी रोजगार पाने की उत्सुकता
फोटो 206 207 -प्रधानमंत्री रोजगार सृजन के लाभ लेने को साक्षात्कार देने के लिए जुटी युवाओं की भीड़ -बेरोजगार महिला-पुरुषों में रोजगार पाने की दिखी उम्मीद -उद्योग विभाग के साथ ही दूसरे संस्थानों के अधिकारियों ने आवेदकों से पूछे कई सवाल -------- -516 आवेदकों को बुलाया गया था साक्षात्कार के लिए -25 से 40 वर्ष उम्र के थे अभ्यर्थी --------- जागरण संवाददाता गया
गया । जिले के सैकड़ों युवा रोजगार मिलने की आस में हैं। इसके लिए वह हर मशक्कत कर रहे हैं। पुरुषों के साथ ही महिलाओं की भी अच्छी तादाद है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट से सटे डीआरडीए भवन की छत पर कतार में खड़ी महिला-पुरुषों के चेहरे पर रोजगार मिलने की उम्मीद दिखी। सुबह से ही लोग यहां साक्षात्कार देने के लिए पहुंचे थे। शहरी के साथ ही गांव-देहात से भी बड़ी संख्या में महिला-पुरुष पहुंचे थे। अधिकांश की उम्र 25 से 40 वर्ष की थी।
उद्योग विभाग की ओर से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत आवेदित लोगों का बारी-बारी से साक्षात्कार लिया गया। शाम छह बजे तक साक्षात्कार जारी था। मौके पर उद्योग विभाग के महाप्रबंधक राजकुमार शर्मा, खादी ग्रामोद्योग आयोग के जिला समन्वयक अमरेंद्र कुमार, जनप्रतिनिधि नगर निगम की पार्षद सारिका वर्मा, सोहायपुर पंचायत की विंदीया देवी, दक्षिण बिहार बैंक के अभिषेक कुमार, आइटीआइ से समीउल्लाह, पोलीटेक्निक के राजकुमार व अन्य इंटरव्यू पैनल में शामिल थे।
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सफल अभ्यर्थियों के आवेदन
ऋण के लिए भेजा जाएगा बैंक
उद्योग विभाग की ओर से रोजगार मुहैया कराने के लिए युवाओं से आवेदन जमा लिए गए थे। योजना की जानकारी देते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग के जिला समन्वयक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि जिले भर से 516 आवेदन आए थे। इन सबका साक्षात्कार लिया जा रहा है। सफल होने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन संबंधित बैंकों में ऋण के लिए भेजा जाएगा।
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रोजगार के लिए 50 हजार से 25
लाख तक का लोन देने का प्रावधान
रोजगार करने के लिए प्रधानमंत्री की रोजगार योजना के तहत चयनित लाभुक को 50 हजार से 25 लाख तक का लोन देने का प्रावधान है। इन योजनाओं पर सरकार की ओर से 35 फीसद का अनुदान दिया जाता है। महिलाओं और एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग को 35 फीसद व सामान्य कोटी को 25 फीसद अनुदान देय है।
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इन रोजगारों के
लिए आए आवेदन
मोमबत्ती निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, राइस मिल, पेबर ब्लॉक, तेल पिराई, मिठाई निर्माण, डेयरी प्लांट, मुर्गी फॉर्म, अंडा उत्पादन, फर्नीचर की दुकान, खिलौना निर्माण, जूता-सिलाई दुकान, ब्यूटी पार्लर, कपड़ा सिलाई दुकान, कंप्यूटर एंड मोबाइल रिपेयरिग सेंटर, ग्रिल निर्माण, लेथ मशीन, स्वयं सहायता समूहों में होने वाले कार्य व अन्य।