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कैमूर में बनेगा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, परीक्षण के बाद ही चालकों को मिलेगा लाइसेंस

कुछ साल पहले तक यातायात नियमों को ताक पर रखकर ड्राइविंग लाइसेंस इश्‍यू कर दिया जाता था। इसमें दलालों की बड़ी भूमिका होती थी। बेसिक जानकारी के बिना ही ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चालक वाहनों से सड़कों पर फर्राटा भरते थे और दुर्घटना को अंजाम देते थे।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 03:15 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 03:15 PM (IST)
कैमूर में बनेगा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक, परीक्षण के बाद ही चालकों को मिलेगा लाइसेंस
कैमूर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का हो रहा निर्माण। सांकेतिक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, भभुआ। कुछ साल पहले तक यातायात नियमों को ताक पर रखकर ड्राइविंग लाइसेंस इश्‍यू कर दिया जाता था। इसमें दलालों की बड़ी भूमिका होती थी। बेसिक जानकारी के बिना ही ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चालक वाहनों से सड़कों पर फर्राटा भरते थे और दुर्घटना को अंजाम देते थे। सड़क हादसों में एकाएक वृद्धि के बाद शासन-प्रशासन ने इस पर नकेल कसने की कवायद की और सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने का निर्णय लिया। यह नियम तो काफी पहले से था। चालकों की योग्‍यता की जांच के बाद भी लाइसेंस मुहैया कराने का प्रावधान है, लेकिन सिस्‍टम भगवान भरोसे चल रहा था। इसी कड़ी में कैमूर जिला परिवहन विभाग ने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के लिए भूमि का आवंटन करा लिया। मंगलवार को भूमि पूजन भी किया गया।

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कैमूर जिले में परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया जा रहा है। इसको लेकर भभुआ-चैनपुर पथ पर चंदवा गांव के समीप बुधवार को भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन में डीटीओ रामबाबू, भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी व एमवीआई दिव्य प्रकाश के अलावा अन्य कर्मी मौजूद रहे। ट्रैक निर्माण के संबंध में एमवीआई ने बताया कि जिले में सरकारी ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। जिस पर अनुमानित 50 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। यह ट्रैक संभवत: भवन निर्माण विभाग के अनुसार अप्रैल माह तक पूर्ण हो जाएगा। जिससे अब विभिन्न वाहनों के परिचालन की जांच को लेकर अन्य जगह जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके चलते अब वाहन चलाने की पूरी प्रक्रिया की जांच के बाद ही लाइसेंस निर्गत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए विभिन्न स्थलों पर जा कर वाहन चलाने की जांच की जाती थी। लेकिन अब जिले में ट्रैक बन जाने से पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ जांच के लिए आने वाले लोगों को भी सहूलियत होगी।


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